इस हनुमान गढ़ी का हैरतअंगेज सच जानकर चौंक जाएंगे आप

punjabkesari.in Tuesday, Dec 25, 2018 - 03:50 PM (IST)

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शिव पुराण के अनुसार पवनपुत्र हनुमान को भगवान शंकर का अवतार कहा जाता है। ये सभी देवों में से एकमात्र ऐसे देव माने गए हैं, जो आज भी इस धरती पर मौजूद यानि अमर हैं। भारत में इनके कई प्राचीन मंदिर स्थापित हैं, जो अपनी-अपनी मान्यताओं को लेकर विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसा ही एक मंदिर नैनीताल की सुंदरवादियों के बीच व समुद्र तल से 1951 मीटर की ऊचांई पर स्थित है। इस हनुमान मंदिर को हनुमानगढ़ी के नाम से जाना जाता है। नैनीताल के अतिरिक्त भारत के अन्य प्रदेशों में भी हनुमान गढ़ी के नाम से कई मंदिर प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर का निर्माण नैनीताल के स्थानीय संत नीम करोली बाबा के द्वारा 1950 में करवाया गया था। इस मंदिर की पहाड़ी की दूसरी ओर शीतला माता का मंदिर स्थापित हैं। इन दोनों मंदिरों के साथ भक्तों की असीम आस्थाएं जुड़ी हुई हैं।
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मान्यता
यहां के लोगों की मंदिर को लेकर मान्यता के अनुसार जो भी भक्त यहां सच्चे मन से प्रार्थना कर मन्नत मांगता है वो अवश्य पूरी होती है। प्रतिवर्ष इस मंदिर में भक्तो की भीड़ लगी रहती है। इस मंदिर से पर्वत एवं हिमालय के सुंदर दृश्य दिखाई देते हैं।
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पौराणिक कथा
हनुमानगढ़ी मंदिर के निर्माण के बारे में स्थानीय निवासियों का कहना है कि मंदिर परिसर की जगह पर पहले एक घना जंगल था, जहां एक मिट्टी का टीला था जिसके समीप बैठकर संत नीम करोली ने पूरे एक वर्ष तक “राम नाम” का जाप किया था। संत के ऐसे भक्ती भाव को देखकर वहा मौजूद पेड़-पौधे भी भगवान राम का नाम जपने लगे। यह अद्भुत दृश्य देखकर संत ने कीर्तन कराया और कीर्तन समाप्त होने के बाद भंडारा कराया , परंतु प्रसाद बनाते समय घी कम पड़ गया तो बाबा ने पानी के एक कनस्तर को कढ़ाई में डाल दिया, चमत्कार तब हुआ जब वह पानी स्वयं घी में परिवर्तित हो गया। आज भी इस अद्भुत कहानी को सुनने वाले चकित हो जाते हैं।
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आकर्षण का मुख्य केंद्र है हनमान गढ़ी
इस पवित्र मंदिर में अस्टधातु की बनी भगवान राम-सीता व भगवान कृष्ण की प्रतिमा तथा बाबा नीम करोली महाराज की प्रतिमा स्थापित है। हनुमानगढ़ी के पास ही एक बड़ी वेद्यशाला है। इस स्थान में हनुमान मंदिर के अलावा देवी मंदिर, शिव मंदिर और माता अंजना का मंदिर हैं। यह धार्मिक स्थल अपनी प्राकर्तिक सौंदर्यता, ऊंचे-ऊंचे पर्वत, लहराते हुए हरे-भरे पेड़ों और ठंडी हवाओं के कारण पर्यटकों के मन को भाने के लिए काफी है। इस पवित्र स्थान से शाम के समय पहाड़ियों में डूबते सूर्यास्त का नज़ारा बड़ा ही मनभावन दृश्य नज़र आता है।
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Niyati Bhandari

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