दुनिया के अजब-गजब गांव, जिनके नाम सुन कर आप भी रह जाएंगे हैरान
punjabkesari.in Tuesday, Mar 19, 2024 - 08:18 AM (IST)
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दुनिया बहुत बड़ी है और इसके हर कोने में तरह-तरह की प्राकृतिक व सांस्कृतिक विविधिताएं हैं, उन्हीं विविधताओं में शामिल हैं अलग-अलग देशों में बसे अनोखे गांव, जो अपनी खट्टी-मीठी वजहों से चर्चा में आ जाते हैं।
बिना सड़क का गांव ‘गिथॉर्न’
आज सड़क हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन तुम्हें यह जानकर हैरानी होगी कि यूरोपीय देश नीदरलैंड में एक ऐसा गांव है, जहां सड़कें हैं ही नहीं, यहां के लोग एक से दूसरी जगह जाने के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल करते हैं। इस गांव का नाम गिथॉर्न है, जो नीदरलैंड्स के ओवराइसल प्रांत में स्थित है। यह एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां हर तरफ नहरों का जाल बिछा है, जिनकी मदद से लोग यात्रा करते हैं। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और शांति किसी को भी अपना दीवाना बना लेती है। पर्यटक इसे नीदरलैंड्स का वेनिस नाम से भी जानते हैं। यहां कार लाने की भी अनुमति नहीं है। सैलानियों को कार गांव के बाहरी इलाके में ही पार्क करनी पड़ती है।
सबसे लंबे नाम वाला गांव
इस गांव का नाम लेने में तुमको समय लग जाएगा - ‘लान वायर पुल गुइन गिल गो गेर यू क्वीर्न ड्रोब उल लानडस इलियो गोगो गोच’ नामक यह गांव यूनाइटेड किंगडम के आंगलेसी टापू पर है।
58 अक्षरों के इस नाम का ‘अर्थ व्हाइट हेजल की घाटी में तेज भवन के निकट सेंट मेरी का गिरजाघर और लाल गुफा वाला सेंट सुलियो का गिरजाघर’ होता है। वैसे यह नाम जानबूझ कर रखा गया है ताकि पर्यटक इसकी ओर आकर्षित हों।
यहां रहने वाले लोग बौने
चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित यांग्सी नाम का एक ऐसा गांव है, जहां लगभग सभी निवासी बौने हैं, कहा जाताहै कि पांच-छह साल की उम्र होने के बाद यहां के लोगों का शारीरिक विकास रुक जाता है। यहां प्रचलित एक कथा के अनुसार वांग नामक ग्रामीण को अजब पैरों वाला एक काला कछुआ मिला, जिसको उन्होंने पका कर खा लिया, जिसके बाद से वहां सारे लोग बौने रहने लगे। हालांकि वैज्ञानिक गांव के लोगों के बौने होने के वैज्ञानिक पक्ष की खोज करने में जुटे हैं।
धरती पर भी है नरक
गांव का नाम पढ़कर तुम्हें हंसी आ रही होगी, लेकिन यह सच है। नार्वे में बसा यह गांव हैल (यानी नरक) नाम का है। हालांकि इसके नाम के पीछे तर्क है कि इसको दुनिया की कुछ सबसे ठंडी जगहों में से एक होने का दर्जा हासिल है। यहां का तापमान -25 डिग्री तक रहता है, यही वजह है कि यहां रहने वाले लोगों ने ही इस गांव का नाम हैल रखा है। अब हम लोग तो सात-आठ डिग्री तापमान में ही बुरी तरह ठिठुरने लगते हैं, माइनस 25 डिग्री तापमान की जगह हुई तो यहां जीवन सचमुच नर्क जैसा ही होगा।
नींद की बीमारी वाला गांव कलाची
कजाखस्तान का कलाची गांव तो और भी अजीब है, यहां लोग सोएं तो महीनों तक सोते रह जाते हैं। इस वजह से इस गांव को ‘स्लीपी हॉलो’ भी कहा जाता है। ज्यादा सोने को लेकर बताया जाता है कि यहां पर यूरेनियम की काफी जहरीली गैस निकलती है जिसके कारण यहां के लोग सोते रहते हैं। पानी भी यहां का काफी दूषित पाया गया है, जिसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है, इन्हीं वजहों से लोग स्लीपिंग डिसआर्डर के शिकार हैं। यहां तक कि उठने के बाद उनको पुरानी बातें भी याद नहीं रहतीं।
एक गुर्दे वाला गांव ‘किडनी वैली’
नेपाल के होकसे नामक एक गांव की कहानी काफी दुखद है, यहां का लगभग हर व्यक्ति गरीबी के चलते अपनी एक किडनी बेच देता है। इस कारण इस गांव को किडनी वैली भी कहते हैं। इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि अंगों के तस्कर उन्हें ऐसा झांसा देकर किडनी निकलवा लेते हैं कि किडनी वापस उग आएगी, जबकि ऐसा होना असंभव है।