Mahashivratri 2021: अनोखी है देवगढ़ धाम की महिमा, खुदाई में मिला था प्राचीन शिवलिंग

punjabkesari.in Thursday, Mar 11, 2021 - 03:47 PM (IST)

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महाशिवरात्रि यानि महादेव की आराधना का पर्व, जो शिव भक्तों के लिए बेहद खास होता है। वैसे तो प्रदेश भर में कई प्राचीन मंदिर हैं जहां अद्भुत शिवलिंग स्थापित है लेकिन सरगुजा से महज़ 40 किलोमीटर दूर स्थित देवगढ़ धाम की महिमा कुछ अनोखी ही है। बताया जाता है सरगुजा की गंगा कही जाने वाली रेण नदी के किनारे देवगढ़ धाम कभी मिट्टी में दफ़न था। जो साल 1943 में अस्तित्व में आया। जब जमगला गांव के विद्या दास को सपने में शिवलिंग गढ़ा हुआ दिखाई दिया। जब जमीन की खुदाई की तो करीब 4 फीट की गहराई में शिवलिंग दिखाई दिया। जिसमें एक जीवित दूध नाग लिपटा हुआ था। इस शिवलिंग को अर्धनारीश्वर गौरी शंकर द्वादश ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है।

सरगुजा को पहले दण्डकारण्य नाम से जाना जाता था। जिस ऋषि मुनियों और देवी देवताओं का पावन तपोवन स्थल माना जाता था। इसके अलावा यहां महर्षि जमदग्नि का शतमहला आश्रम हुआ करता था। जहां छात्रों को ज्ञान और आध्यात्म की शिक्षा दी जाती थी। महादेव व गौरी के दर्शन के लिए भक्त दूर-दूर से आते हैं। लोगों का मानना है कि इस दरबार में सच्ची श्रद्धा से जो भी मांगों वो ज़रूर मिलता है। पंजाब केसरी के रिपोर्टर वेद तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार रहस्यमय देवगढ़ धाम और अद्भुत शिवलिंग की जानकारी मिलते ही सरगुजा के पहले कलेक्टर राम बिहारीलाल श्रीवास्तव ने मंदिर का निर्माण करवाया था। मंदिर निर्माण पूर्ण होते ही कलेक्टर को कमिश्नर पद पर प्रमोशन हो गया। अर्धनारीश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती हैं। कहा जाता है ये मंदिर  अपने आप में समृद्ध इतिहास को समेटे हुए है। महादेव की महिमा को जान पाना संभव नहीं हैं। कैलाशपति जिस पर मेहरबान हो जाएं उसकी जिंदगी संवर जाती है। देवगढ़ धाम में भी महाकाल का अदभुत शिवलिंग मौजूद है, जो अधिक रहस्यमयी है।
 


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Content Writer

Jyoti

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