पवनपुत्र से कैसे बने हनुमान, जानिए असल वजह

punjabkesari.in Saturday, Mar 09, 2019 - 11:00 AM (IST)

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ये बात तो सब जानते ही हैं कि हनुमान जी भगवान शिव का अवतार हैं। हनुमान जी के ऐसे कई रोचक प्रसंग हैं जिनसे हमें बहुत सारी प्ररेणा भी मिलती है। बाल हनुमान के बारे में बात करें तो उनकी ऐसी बहुत सी लीलाएं हैं जो बहुत ही रोचक है। लेकिन क्या कभी किसी ने यह जानने की कोशिश की है कि नटखट नन्हें मारुति ने ऐसा क्या किया कि उनका नाम हनुमान रख दिया गया। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको बताएंगे इसके पीछे की कथा के बारे में-
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पवनदेव के आशीर्वाद से हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान जन्म से ही बहुत अधिक ताकतवर और विशाल शरीर वाले थे और उनके बचपन का नाम मारुति था। वह बहुत ही नटखट और शरारती थे। एक बार मारुति ने सूर्यदेव को देखा और उन्हें फल समझ लिया व उनकी तरफ तेजी भागे और उन्हें निगलने की कोशिश में अपना मुंह बड़ा कर लिया। लेकिन जब इंद्रदेव ने मारुति को ऐसा करता देखा तो अपना वज्र उन पर छोड़ दिया। इंद्र का वज्र जाकर मारुति की हनु यानि कि ठोड़ी पर लगा। वज्र लगते ही नन्हें मारुति बेहोश हो गए। इस बात का पता जब पिता पवनदेव को चला तो उन्हें बहुत ही गुस्सा आ गया। जिससे उन्होंने सारे संसार में पवन का बहना रोक दिया। 
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अब जीवन पानी बिना भी कुछ समय तक रह सकता है लेकिन प्राण वायु बिना तो एक क्षण भी नहीं रह सकते। इसलिए इंद्र ने पवनदेव को तुरंत मनाया और उनसे क्षमा मांगी। इसके बाद नन्हें मारुति को सभी देवताओं ने अपनी ओर से शक्तियां प्रदान की। सूर्यदेव के तेज अंश प्रदान करने के कारण ही हनुमान बुद्धि संपन्न हुए। वज्र मारुति के हनु पर लगा था जिसके कारण ही उनका नाम हनुमान विख्यात हुआ।  
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