करवाचौथ 2022: पति-पत्नी को नहीं करना चाहिए ये काम वरना बनते हैं पाप के भागीदार

punjabkesari.in Thursday, Oct 06, 2022 - 01:16 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
05 अक्टूबर को देश में दशहरा का पर्व धूम धाम से मनाया गया जिसके बाद अब 13 अक्टूबर को करवातौथ का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है, जिसे सुहागिन महिलाएं के सुहाग का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला उपवारस करती हैं जिसके बाद रात में चंद्र देव को अर्घ्य दे कर व्रत खोलती हैं। लेकिन इस दौरान कुछ खास नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है जिसके बारे में जानना हर किसी के लिए जरूरी है। तो आज हम आपको करवाचौथ के दिन से जुड़ी खास जानकारी देने जा रहे हैं जिसमें हम आपको बताएंगे कि इस दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 
PunjabKesari
सबसे पहले आपको बता दें इस बार करवा चौथ का त्योहार 13 अक्टूबर, 2022 यानि गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक व ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार मगर इस दिन सभी महिलाओं के लिए स्वच्छता और पवित्रता का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है।

इस दिन व्रत के दौरान दंपति को शारीरिक संबंध भी नहीं बनाने चाहिए, शास्त्रों में इस दिन ऐसा करना वर्जित माना जाता है। बल्कि कहा जाता है हिंदू धर्म में न केवल करवाचौथ के दिन बल्कि भी किसी भी व्रत के वक्त इस तरह के विचार को भी मन में नहीं लाना चाहिए।

हिंदू धर्म के शास्त्रों के मुताबिक, यह व्रत भगवान गणपति को समर्पित है। तो वहीं इस खास दिन पर देवी पार्वती की पूजा की जाती है। अतः ऐसे में व्रत के दौरान पति और पत्नी को शारीरिक संबंध कतई नहीं बनाना चाहिए। कहते हैं कि व्रत के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से पति और पत्नी दोनों पाप के भागीदार बनते हैं। ऐसे करना से महिलाओं को व्रत का फल प्राप्त नहीं होता।
PunjabKesari

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें

PunjabKesari
ऐसे करें पूजा
महिलाएं सुबह 4 बजे उठकर सबसे पहले स्नान करें और फिर सास द्वारा दी गई सरगी खाएं। इसके बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। 

शाम के समय शुभ मुहूर्त में करवा चौथ व्रत की पूजा करें। 

पूजा के लिए एक मिट्टी कू वेदी पर सभी देवताओं की स्थापना करें। 
 
इसके पास करवा रखें और धूप, दीप,चन्दन,रोली और सिन्दूर से पूजन थाली सजाएं और चन्द्रमा निकलने से लगभग एक घंटे पहले पूजा शुरू करें। 
PunjabKesari

करवा चौथ की पूरी विधि-विधान के साथ पूजा करने के उपरांत कथा का श्रवण करें।
 
इसके बाद चांद को अर्घ्य दें और पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलें। 

व्रत पूरा होने के बाद घर के सभी बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लें। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News