Saint Thiruvalluvar Story: बच्चों का सुनहरा कल बनाना है तो Parents आज से शुरू करें ये काम
punjabkesari.in Wednesday, Apr 30, 2025 - 03:48 PM (IST)

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Saint Thiruvalluvar Story: संत तिरुवल्लुवर से प्रवचन के बाद एक सेठ ने निराश होकर कहा, “गुरुदेव मैंने बड़ी मेहनत से पाई-पाई जोड़कर धन इकट्ठा किया। उस संपत्ति को मेरे इकलौते पुत्र ने बड़ी बेदर्दी से कुव्यसनों में बर्बाद करना शुरू कर दिया है। पता नहीं उसको भविष्य में कैसे दिन देखने पड़ेंगे, मैं इसी चिंता में घुला जा रहा हूं।”
संत ने सेठ से पूछा, “तुम्हारे पिता जी ने तुम्हारे लिए कितना धन छोड़ा था ?”
सेठ ने कहा, “वह तो बहुत गरीब थे। उन्होंने मुझे अच्छे संस्कार दिए लेकिन धन के नाम पर कुछ भी नहीं दिया। जब तक उनके साथ रहा वह मुझे सदाचार और सद्गुणों की सीख ही देते रहे।”
संत ने कहा, “तुम्हारे पिता ने तुम्हें सिर्फ सद्गुण सिखाए, कोई धन नहीं दिया, फिर भी तुम धनवान बन गए। लेकिन तुम बेटे के लिए अकूत धन जोड़ने के बावजूद सोच रहे हो कि तुम्हारा बेटा तुम्हारे बाद जीवन कैसे बिताएगा ? इसका मतलब ही यह है कि तुमने उसको अच्छे संस्कार, अच्छे गुण नहीं दिए, जबकि यह माता-पिता का संतान के प्रति पहला कर्तव्य होता है। बाकी तो संतान सब अपने बलबूते हासिल कर ही लेती है।”
संत की बात सुनकर सेठ को एहसास हुआ कि उसने अपने पुत्र को केवल धनवान ही बनाना चाहा। संस्कारवान बनाने की तरफ बिल्कुल ध्यान ही नहीं दिया। सेठ पश्चाताप के स्वर में बोला, “गुरुदेव, आप सही कह रहे हैं। मुझसे बड़ी भूल हुई है। क्या अब कुछ नहीं हो सकता ?”
संत बोले, “जिंदगी में अच्छी शुरुआत के लिए कभी देर नहीं होती। तुम अपने बच्चे के सद्गुणों पर ध्यान दो बाकी सब भगवान पर छोड़ दो। अच्छे इरादों से किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता।”