Ganga Saptami: घर बैठे गंगा स्नान का पुण्य चाहते हैं तो करें ये काम

punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 04:28 PM (IST)

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Ganga Saptami 2025: अक्षय तृतीया के 4 दिन बाद वैशाख माह के शुक्ल पक्ष को गंगा सप्तमी तिथि आती है। जो गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदू धर्म में मां गंगा की पूजा का विधान है, वैसे तो यह पूजा कभी भी की जा सकती है लेकिन गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा मुख्य तिथियां हैं।

Ganga Saptami snan

ब्रह्मवैवर्त पुराण तथा पद्म पुराण में संकेत है कि मां गंगा का दिव्य प्राकट्य दो चरणों में हुआ एक स्वर्ग से ब्रह्मलोक में और दूसरा धरती पर। ज्यादातर लोग भागीरथ प्रयत्न से गंगा अवतरण को जानते हैं लेकिन गंगा सप्तमी वह तिथि मानी गई है जब गंगा का भौतिक रूप में धरती पर प्रकट होना पूर्ण हुआ, विशेषतः कपिल मुनि के आश्रम में सगर पुत्रों के उद्धार हेतु। इस दिन को गंगा पुनर्जन्म तिथि भी कहते हैं क्योंकि यह वही समय था जब गंगा पृथ्वी पर धाराप्रवाह रूप में बहने लगी।

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गंगा सप्तमी पर गंगा स्नान केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक रूपांतरण की प्रक्रिया है। इस दिन का उद्देश्य है। बाहर के जल में स्नान कर, भीतर की अहंकार और वासना की धूल को धो देना है।

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Ganga Saptami snan 2025: गंगा मईया मकर की सवारी करती हैं और अपने हाथों में कलश धारण करती हैं। ऐसा भी कहा जाता है की गंगा सप्तमी के दिन जो व्यक्ति गंगा स्नान करता है, उसके दस पापों का अंत होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा सप्तमी पर सुबह आप स्नान करें तो नहाने की बाल्टी में कुछ बूंदें गंगा जल की डाल लें और इस विशेष मंत्र का जाप करें-

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Ganga snan mantra गंगा स्नान मंत्र: गं गंगायै हरवल्लभायै नमः॥

इस विधि से घर बैठे मिलेगा गंगा स्नान का लाभ।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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