Kartik Maas 2025: कार्तिक मास में इन कार्यों से करें परहेज, वरना लक्ष्मी जी की जगह दरिद्रता कर सकती है वास

punjabkesari.in Sunday, Oct 12, 2025 - 06:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Kartik Maas 2025: कार्तिक मास हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है, जो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। इस महीने में किए गए धार्मिक कार्य अनंत पुण्य फल देते हैं। हालांकि, शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्यों का उल्लेख किया गया है, जिनसे इस पवित्र मास के दौरान सख्ती से बचना चाहिए। ऐसा न करने पर पुण्य की प्राप्ति के बजाय, व्यक्ति दरिद्रता और दुर्भाग्य को न्योता दे सकता है, जिससे माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।वर्ष 2025 में कार्तिक मास 8 अक्टूबर 2025, बुधवार से शुरू होकर 5 नवंबर 2025, बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा।

PunjabKesari Kartik Maas 2025

आइए जानते हैं कि कार्तिक मास में किन कार्यों से परहेज  करना चाहिए:

भोजन और खान-पान से संबंधित वर्जित कार्य
कार्तिक मास सात्विक जीवन और संयम पर जोर देता है। इस पूरे महीने में खान-पान की शुद्धता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।

तामसिक भोजन का सेवन न करें: इस महीने में मांस, मछली, अंडा और अन्य सभी तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह से वर्जित माना गया है।

प्याज और लहसुन से बचें: तामसिक प्रवृत्ति के माने जाने के कारण, प्याज और लहसुन का सेवन भी इस मास में नहीं करना चाहिए।

कुछ दालों और सब्जियों का त्याग: मान्यता है कि कार्तिक मास में उड़द, मूंग, मसूर दाल, मटर, चना और बैंगन व करेला जैसी कुछ सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए।

मदिरा और धूम्रपान का सेवन: मदिरा और धूम्रपान समेत सभी प्रकार के नशे से दूर रहना चाहिए। ऐसा करना न केवल स्वास्थ्य के लिए, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी आवश्यक है।

एक समय भोजन जो लोग व्रत या नियम का पालन कर रहे हैं, उन्हें केवल एक बार, सूर्यास्त के बाद ही सात्विक भोजन करना चाहिए।

PunjabKesari Kartik Maas 2025

जीवनशैली से संबंधित निषेध
कार्तिक मास में शरीर और मन दोनों की शुद्धता बनाए रखने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना होता है।

दिन में सोना वर्जित: इस पवित्र मास में दिन के समय सोना उचित नहीं माना जाता है। सुबह जल्दी उठकर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने और पूजा-पाठ करने का विधान है।

शरीर पर तेल लगाना: कार्तिक के पूरे महीने शरीर पर तेल लगाने से बचना चाहिए। हालांकि, नरक चतुर्दशी के दिन स्नान से पहले तेल लगाना और मालिश करना शुभ माना जाता है।

बाल, नाखून और दाढ़ी काटना: इस मास में बाल काटना, दाढ़ी बनाना और नाखून काटना जैसी क्रियाओं को करने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि ये अशुभ मानी जाती हैं।

ब्रह्मचर्य का पालन: इस पूरे महीने ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करना चाहिए और अपनी इंद्रियों पर संयम रखना चाहिए। यह आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जूठे बर्तन न छोड़ें: घर में गंदगी बिल्कुल न रखें और रात को जूठे बर्तन छोड़ना भी अशुभ माना जाता है। घर को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखें, क्योंकि माता लक्ष्मी का वास वहीं होता है जहाँ स्वच्छता होती है।

PunjabKesari Kartik Maas 2025


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News