Paush Month 2025: पौष माह में इन कार्यों से बचें? जानें 5 दिसंबर से 3 जनवरी तक शुभ-अशुभ नियम

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 02:15 PM (IST)

Paush Maas Rules 2025: पौष माह 2025 की शुरुआत 5 दिसंबर (शुक्रवार) से होगी और यह माह 3 जनवरी 2026 (शनिवार) की पूर्णिमा तक चलेगा। हिंदू धर्म में यह महीना धार्मिक, आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक उन्नति का एक महत्वपूर्ण काल माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान अनुशासित जीवन, पूजा-पाठ और संयम विशेष फल प्रदान करते हैं।

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Religious significance of the month of Paush पौष माह का धार्मिक महत्व
पौष मास में सूर्य देव और भगवान विष्णु की उपासना अत्यंत शुभ मानी गई है। यह समय आध्यात्मिक साधना, दान-पुण्य, पितरों के तर्पण, सकारात्मक ऊर्जा आकर्षित करने के लिए उत्तम माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है और अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।

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Avoid doing these 5 things in the month of Paush पौष माह में इन 5 कार्यों को करने से बचें
हिंदू शास्त्रों में पौष माह में कुछ कार्यों को वर्जित बताया गया है। इनसे बचना शुभ माना जाता है। विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन, पौष मास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, उपनयन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक रहती है। मान्यता है कि इस अवधि में किए गए शुभ कार्य फलदायी नहीं होते और कभी-कभी बाधाओं का कारण भी बन जाते हैं।

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नया व्यवसाय या बड़ा काम शुरू करना
ज्योतिष के अनुसार, पौष मास नए कारोबार, निवेश और बड़े निर्णयों के लिए अनुकूल नहीं होता। इस समय शुरू किए गए कार्यों में आर्थिक हानि, अवरोध या धीमी प्रगति देखी जा सकती है।

तेल की मालिश से परहेज़
धार्मिक परंपराओं में पौष माह में तेल की मालिश करना निषेध बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान तेल मालिश से स्वास्थ्य पर असर और ऊर्जा असंतुलन हो सकता है।

क्रोध और कठोर वाणी
पौष मास में संयमित रहना अत्यंत आवश्यक माना गया है। क्रोध, कटु वचन और अनियंत्रित व्यवहार से रिश्तों में तनाव, मानसिक बेचैनी और नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है।

नए अनाज का सीधे सेवन
नया अन्न बिना भोग लगाए नहीं खाना चाहिए। मान्यता है कि देवताओं को अर्पित किए बिना अन्न का शुभ फल प्राप्त नहीं होता और इसका लाभ आधा रह जाता है।

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Auspicious work to be done in the month of Paush पौष माह में करने योग्य शुभ कार्य
सूर्य देव को अर्घ्य

प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करना और मंत्र जाप करना अत्यंत शुभ फल देता है। इससे मानसिक शांति, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं।

सूर्य देव के प्रमुख मंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
ॐ घृणिं सूर्य्यः आदित्यः
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछितं फलम् देहि स्वाहा
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजो राशे जगत्पते

तिल का दान
तिल का दान पौष मास में अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। इसके सेवन और दान से आर्थिक स्थिरता और मानसिक संतुलन बढ़ता है।

शुभ आहार
इस महीने में इन पदार्थों का सेवन शुभ माना जाता है गुड़, अदरक, लहसुन, तिल। ये शरीर को ऊष्मा और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

भक्ति और संयम
पौष मास में मन को शांत कर भगवान की भक्ति, ध्यान, संयम और सौम्य व्यवहार अपनाने से जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

पौष माह 2025 धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस समय नियम और अनुशासन का पालन करने से जीवन में सुख- समृद्धि, मानसिक शांति और सौभाग्य बढ़ता है। वहीं वर्जित कार्यों से बचने पर नकारात्मक प्रभावों से दूर रहा जा सकता है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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