Kharmas 2025: 16 दिसंबर के बाद इस दिन तक नहीं कर सकेंगे कोई भी शुभ काम, वरना हो जाएगा बड़ा नुक्सान
punjabkesari.in Wednesday, Dec 10, 2025 - 11:20 AM (IST)
नेशनल डेस्क: खरमास यानि की मलमास का महीना एक बार फिर से आने वाला है। यह वह समय होता है जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं। धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार यह समय शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता, बल्कि आध्यात्मिक साधना और दान-पुण्य के लिए सर्वोत्तम होता है।
खरमास 2025: कब होगा शुरू और कब होगा समाप्त?
द्रिक पंचांग के अनुसार इस बार खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर 2025, मंगलवार से होगी। सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाएगा। यह अवधि तब समाप्त होगी जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जो कि 15 जनवरी 2026 को होगा। यानी लगभग एक महीने तक शुभ कार्यों पर विराम रहेगा।
खरमास में इन कार्यों से बचें
ज्योतिषीय परंपराओं के अनुसार खरमास के दौरान कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को टालना बेहतर माना जाता है। इस समय शुरू किए गए कार्यों में सफलता मिलने या शुभ फल प्राप्त होने की संभावना कम हो जाती है:
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विवाह और रिश्ते तय करना: इस दौरान शादी-विवाह या सगाई जैसे रिश्ते तय करने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इससे दांपत्य जीवन में तनाव या समस्याओं की आशंका बढ़ सकती है।
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गृह प्रवेश और मकान बदलना: नए घर में प्रवेश (गृह प्रवेश) या निवास स्थान बदलने के लिए खरमास का महीना अशुभ माना गया है।
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नया व्यवसाय या महत्वपूर्ण शुरुआत: किसी भी तरह का नया व्यापार, व्यवसाय या कोई बड़ा/महत्वपूर्ण कार्य इस अवधि में शुरू नहीं करना चाहिए। आर्थिक अडचनें या नुकसान हो सकता है।
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शुभ संस्कार: नामकरण, मुंडन, कर्णवेध जैसे अन्य मांगलिक संस्कार भी खरमास में टालने की परंपरा है।
खरमास में दान का महत्व और क्या करें?
खरमास का समय धार्मिक साधना और प्रभु भक्ति के लिए उत्तम माना गया है। इस दौरान आप ये कार्य कर सकते हैं:
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धार्मिक कार्य: पूजा-पाठ, मंत्र जप, कथा श्रवण, और सत्संग में समय व्यतीत करना बेहद शुभ फलदायी होता है।
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तीर्थ यात्रा: पवित्र नदियों में स्नान करना और धार्मिक स्थलों की यात्रा करना इस महीने में विशेष महत्व रखता है।
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दान-पुण्य: खरमास में दान का महत्व सबसे अधिक बताया गया है।
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अन्न दान: जरूरतमंदों को अनाज, विशेषकर गेहूं और चावल का दान करना चाहिए।
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वस्त्र दान: गरीबों को ऊनी वस्त्र या कंबल दान करना पुण्यकारी माना जाता है।
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गुड़ और तिल दान: शीतकाल को देखते हुए गुड़ और तिल का दान भी विशेष फल देता है।
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साल 2026 में कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?
सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत दोबारा से फरवरी 2026 से होने की संभावना है। इसका मुख्य कारण सिर्फ खरमास ही नहीं, बल्कि शुक्र तारा का अस्त होना भी है। ज्योतिष गणना के अनुसार शुक्र 11 दिसंबर 2025 को अस्त होंगे और उनका प्रभाव 31 जनवरी 2026 तक रहेगा। इस दौरान भी शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इसलिए सभी शुभ और मांगलिक कार्य 14 जनवरी 2026 के बाद और विशेष रूप से फरवरी 2026 से ही शुरू हो पाएंगे।
