Kartik Maas 2020: क्या है विष्णु सहस्रनाम की महिमा, जाप करने वालो को मिलता है कितना लाभ

punjabkesari.in Thursday, Nov 05, 2020 - 01:16 PM (IST)

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कार्तिक मास में भगवान विष्णु की एवं इनके दामोदर रूप की अराधना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार समस्त माह में से कार्तिक मास का एकमात्र ऐसा मास माना जाता है जो श्री हरि की अत्यंत प्रिय है। यही कारण है इस मास में हर कोई इनकी बढ़ चढ़कर पूजा अर्चना करता है। मगर इनमें से कुछ ऐसे लोग होते हैं जो किसी न किसी कारण वश विधि वत इनकी पूजा आजि नहीं कर पाता। तो बता दें शास्त्रो में ऐसे लोगों के लिए भी बहुत सी बातें बताई गई है, जिससे ईश्वर को पाया जा सकता है। जी हां, सनातन धर्म के शास्त्रों में बताया जो जातक कार्तिक मास में पूरी श्रद्धा विश्वास से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करता है उसको अपने पापों से तो मुक्ति मिलती ही है, साथ ही साथ जीवन में ने वाली तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं। 
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मगर विष्णु सहस्रनाम में क्या वर्णन किया गया है, इसका पाठ कैसे व किन बातों का ध्यान रखते हुए करना चाहिए। अगर नहीं तो चलिए आपको बताते किस तरह आप कार्तिक मास में आप श्री हरि की कृपा पा सकते हैं।  विष्णु सहस्रनाम भगवान विष्णु की सबसे प्रभावशाली स्तुति मानी जाती है। कहा जाता है इनकी उपसना से जातक का जीवन आसान हो जाता है। बता दें इसमें श्री हरि विष्णु के हज़ारों नामों वर्णित है। इतना ही नहीं शास्त्रों में बाखूबी इसकी ताकत, व महिमा का बखान किया गया है। 

जहां एक तरफ धार्मिक शास्त्रों में पालनकर्ता भगवान विष्णु की इस स्तुति का जप करने वाले जातक की पापों की मुक्ति की बात कही जाती है, तो वहीं ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करने से जातक की कुंडली में स्थित बृहस्पति ग्रह मज़बूत होता है। ऐसी मान्यताएं हैं कि इसके श्लोक की शक्ति से प्रत्येक ग्रह और नक्षत्र नियंत्रित हो जाता है। इसके अलावा जिस जातक को पेट से संबंध कोई परेशानी होती है उसे इसका पाठ करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि गुरु ग्रह पेट से संबंधित होता है और उसके खराब होने से ही ऐसी परेशानियां का सामना करना पड़ता है। तो वहीं स दंपत्ति को संतान की प्राप्ति न हो रही उनके लिए भी विष्णु भगवान को समर्पित ये स्तुति बहुत लाभदायक होती है। साथ ही साथ इससे विवाह आदि मे आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं। 

यहां जानें इसकी विधि- 
इसका पाठ करने वाले को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि विष्णु सहस्रनाम का पाठ सुबह ही करना चाहिए। इसके अलावा इस दौरान इनव बातों को भी दिमाग में रखना चाहिए।

पाठ शुरू करने से पूर्व तथा उपरांत भगवान विष्णु का ध्यान करें।
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विष्णु ध्यान मंत्र-
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। 
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम् वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥

संभव हो तो इसका जप हमेशा पीले वस्त्र पहनकर करें। पीली चुनरी आदि ओढ़कर भी विष्णु सहस्रनाम का पाठ किया जा सकता है। 

विष्णु भगवान को भोग में गुड़, चने या पीली मिठाई अर्पित करनी चाहिए। 

इस पाठ को करने के लिए सबसे शुभ दिन बृहस्पतिवार का माना जाता है। 

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार खासतौर पर गुरुवार की शाम नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।  

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Jyoti

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