Kala Ashtami: आज रात करें ये काम, भैरव नाथ प्रसन्न होकर देंगे मनचाहा वरदान

punjabkesari.in Monday, Dec 07, 2020 - 07:22 AM (IST)

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Kala Bhairava Ashtami 2020: भगवान विष्णु के अंश और भगवान शिव के पांचवें स्वरूप श्री भैरवनाथ को शास्त्रों में महाकाल कहा गया है। भगवान भोलेनाथ के दो रूप हैं-भक्तों को अभयदान देने वाला विश्वेश्वर स्वरूप और दूसरा दुष्टों को दंड देने वाला भैरव स्वरूप।
 
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Bhairav Ashtami Mahaotsav: उनका विश्वेश्वर स्वरूप अत्यंत सौम्य, शांत और अभय प्रदान करने वाला है, वहीं भैरव रूप अत्यंत रौद्र, विकराल और प्रचंड है। इस स्वरूप की उपासना से सभी प्रकार की दैहिक, दैविक और मानसिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।  

Kalashtami 2020: ऐसी धार्मिक मान्यता है कि शिवजी की पूजा से पहले काल भैरव की पूजा होती है। ऐसा वरदान उन्हें भगवान भोलेनाथ से प्राप्त है। हालांकि उन्हें उग्र देवता माना जाता है लेकिन वह शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं।

Benefits of Observing Kalashtami Vrat: श्री भैरव नाथ को देवताओं का कोतवाल भी माना जाता है। अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए वे तुरंत प्रकट हो जाते हैं।
 
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2020 Masik Kalashtami Vrat: शिवपुराण की शतरुद्र संहिता के अनुसार भगवान भोलेनाथ ने मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भैरव नाथ के रूप में अवतार लिया था जो काल भैरव अष्टमी के नाम से जानी जाती है। इस वर्ष यह 7 दिसंबर को है। इस दिन व्रत रखकर मिष्ठान आदि अर्पित कर भगवान भैरव नाथ की पूजा करने का विधान है।

Kalashtami Vrat: व्रत रखने वालों को रात्रि जागरण करना और जागरण के दौरान शिव-पार्वती जी की कथा का पठन व श्रवण करना चाहिए। भैरव नाथ प्रसन्न होकर मनचाहा वरदान प्रदान करते हैं।

Bhairava Ashtami: भगवान शिव की सेना में 11 रुद्र, 11 रुद्राणियां, चौंसठ योगनियां, कई मातृकाएं तथा 108 भैरव हैं। ये काल के भी काल हैं। भोले बाबा ने काल भैरव को काशी का आधिपत्य सौंप रखा है। काशी में इनके पूजन का विशेष महत्व है।
 
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Niyati Bhandari

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