गृह प्रवेश की दिशा पर ग्रहों का प्रभाव, शनि और कुबेर समान होते हैं मकान के स्वामी

punjabkesari.in Monday, Feb 20, 2017 - 10:03 AM (IST)

मकान के प्रवेश द्वार पर अर्थात मकान का दरवाजा जिस दिशा में हो, उस दिशा पर जिन ग्रहों का प्रभाव होगा उनके अनुसार ही उस मकान के स्वामी का स्वभाव होता है। मकान का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में हो तो पूर्व दिशा का स्वामी रवि होने से रवि (सूर्य) के गुण-धर्मों के अनुसार उस मकान के स्वामी का स्वभाव सत्वगुणी, महत्वाकांक्षी एवं साहसी होगा। उस जातक की रुचि करेले, तुरई, मेथी जैसी कड़वी सब्जियों को खाने में होती है। 


मकान का प्रवेश द्वार आग्नेय दिशा में हो तो आग्नेय दिशा का स्वामी शुक्र होने से मकान के स्वामी का स्वभाव शुक्र जैसा होगा। ऐसा जातक रंगीला, विलासी, सिनेमा, नाटक, संगीत, चित्रकला, खाना-पीना, मौज-मस्ती इत्यादि का शौकीन होगा। वह अच्छे-अच्छे कपड़े पहनने का शौकीन, सुगंधित द्रव्य रखने वाला होता है और उसकी रुचि खट्टे पदार्थों में रहती है।


दक्षिण दिशा में मकान का प्रवेश द्वार होने पर उस मकान के स्वामी का स्वभाव ग्रहों के प्रभाव के अनुसार साहसी, क्रोधी एवं गर्वीला होगा। चटपटे, रुचिकारक पदार्थ खाने का उसे शौक रहता है। ऐसा जातक मौज-मस्ती का भी शौकीन होता है। 


नैर्ऋत्य दिशा में मकान का प्रवेश द्वार हो तो उस मकान के स्वामी का स्वभाव नैर्ऋत्य दिशा के स्वामी राहू जैसा होगा।


पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार हो तो पश्चिम दिशा का स्वामी शनि होने से उस मकान के स्वामी का स्वभाव शनि जैसा होगा। वह गंभीर, विचारवान, सहनशील एवं सतर्कता बरतने वाला होता है। उसकी रुचि तेल से बनी चीजें, कड़वी और ठंडी चीजें खाने में अधिक होती है।


वायव्य दिशा में मकान का प्रवेश द्वार हो तो वायव्य दिशा के स्वामी चंद्रमा के अनुसार उस मकान के स्वामी का स्वभाव अस्थिर, चंचल, भावना प्रधान, शैर का शौकीन, बोलने में मीठा रहता है। ऐसा जातक सब्जियां एवं नमक अधिक खाने में रुचि रखता है।


उत्तर दिशा में मकान का प्रवेश द्वार हो तो उस मकान के स्वामी का स्वभाव उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर जैसा रहेगा, बुध ग्रह के समान बुद्धिमान, हंसी-मजाक से परिपूर्ण साहित्य लिखने वाला, कोई भी काम फुर्ती से करने वाला होता है। सभी पदार्थ पर्याप्त मात्रा में खाने की प्रवृत्ति उसमें पाई जाती है।


ईशान दिशा में मकान का प्रवेश द्वार हो तो उस मकान के स्वामी का स्वभाव ईशान दिशा के अधिपति गुरु जैसा होता है। वह धार्मिक, परोपकारी, किसी भी विषय में गहरी जानकारी रखने वाला, अनेक भाषाओं को सीखने वाला एवं बुजुर्गी स्वभाव का होता है तथा मीठे पदार्थों के सेवन में रुचि रखता है।


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