Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja: न केवल अपने बल्कि वंश पर लगे दोषों को भी समाप्त करता है शनि तर्पण

punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 12:10 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Shani Amavasya Tarpan: शनि व्यक्ति को उसके गुप्त भय, लालसा और असंतोष से मिलवाते हैं। तर्पण उस आत्मिक प्रक्रिया को आरंभ करता है, जिसमें हम अपने भीतर के काले पक्ष को शुद्ध करते हैं। कई जन्मों के अधूरे वादे, संकल्प और मानसिक गांठें, जिनसे हम अनजाने में बंधे होते हैं, शनि तर्पण से स्वतः शांत हो जाते हैं। तर्पण का शनि से गहरा संबंध है। तर्पण का अर्थ सिर्फ जल अर्पण नहीं होता, यह एक ऊर्जा समर्पण प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने भीतर के दोषों, कष्टों और कर्मबन्धनों को पिघलाकर दिव्य सत्ता को सौंपते हैं। शनि देव न सिर्फ दंडदाता हैं, बल्कि कर्मों के प्रभाव को ट्रांसफ़ॉर्म करने वाले देव हैं। वे आत्मा को तपाकर शुद्धि के रास्ते पर लाते हैं। शनि जयंती उनके अवतरण की तिथि है यानी उस ऊर्जा का जागरण बिंदु हैं।

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja

शनि जयंती पर क्यों किया जाता है तर्पण
शनि जयंती पर तर्पण करने से कर्म दोष विसर्जन की ऊर्जात्मक खिड़की खुलती है। ब्रह्मांड में कर्मों के पुनर्संयोजन की तरंग सक्रिय होती है। इस दिन तर्पण करने से आपके उन कर्मों की ऊर्जा शनि को सौंप दी जाती है, जो आपको बार-बार जीवन में कष्ट देते हैं।

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja
पूर्वजों के असंतुलन से मुक्त होने का दुर्लभ दिन
शनि की दृष्टि पूर्वजों के अधूरे कर्मों पर भी होती है। तर्पण के माध्यम से न केवल अपने लिए, बल्कि वंश पर लगे शनि दोष को भी शांत किया जा सकता है।

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja

शनि तर्पण के 5 अदृश्य लाभ
अचानक रूकती हुई योजनाओं में गति आती है।
न्यायिक मामलों, कोर्ट-केस और सरकारी परेशानियों में राहत मिलने लगती है।
पिता या दादा पक्ष की रुकती हुई संपत्ति या अवसर धीरे-धीरे सक्रिय हो जाते हैं।
दूसरों की निगेटिव सोच और श्राप से बचाव की ऊर्जा बनती है।
आपका भयग्रस्त मन शांत होता है, जिससे निर्णय क्षमता बढ़ती है

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja
How to perform Shani Tarpan  शनि तर्पण कैसे करें
गुप्त तर्पण विधि: पीपल के पत्ते पर काले तिल, शहद और जल अर्पण करें और कहें: शनि सूक्ष्म पितृ ऋण विनाशाय तर्पयामि नमः
यह गुप्त पितृ-दोष से मुक्ति दिला सकता है और साढ़ेसाती और ढैय्या को शांत करता है।

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja

तर्पण विधि: पीपल के पेड़ के नीचे काले तिल, जल और कुश से शनि का ध्यान करते हुए कहें, "हे शनिदेव! मैं अपने ज्ञात-अज्ञात कर्मों का भार आपको सौंपता हूं। मेरे और मेरे कुल की छाया को प्रकाशित कर दीजिए।"

यह उच्चारण मन से करें। शनि के सूक्ष्म अनिष्टों को शांत करने के लिए गुप्त तर्पण करें। शनि देव अपूर्व-कार्मिक नियंता हैं। बहुत बार पितरों या पूर्व जन्मों से जुड़ा कोई दायित्व साढ़ेसाती के समय उभरता है। इस कारण शनि जयंती के दिन शनि के निमित्त तर्पण करें।

PunjabKesari Shani Amavasya Pitru Tarpan Pooja


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News