इस मंदिर में त्रेतायुग से जल रही है अखंड ज्योति, योगी आदित्यनाथ हैं इसके महंत

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 10:00 AM (IST)

गोरखपुर मंदिर गोरखपुर का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। यह उत्तर प्रदेश के गोरखपुर नगर में स्थित है। यह मंदिर 52 एकड़ जमीन पर बना है। बाबा गोरखनाथ के नाम पर इस जिले का नाम पड़ा। यूपी के नए मुख्यमंत्री बाबा योगी आदित्यनाथ इस मंदिर के वर्तमान महंत हैं। प्रत्येक वर्ष मकर सक्रांति के मौके पर यहां मेले का आयोजन किया जाता है। जो खिचड़ी मेले के नाम से प्रसिद्ध है। लाखों की संख्या में भक्त और पर्यटक विशेष रूप से मंदिर में होने वाले मेले में शामिल होते हैं।

गोरक्षनाथ जी ने ज्वालादेवी के स्थान से भ्रमण करते हुए भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी। जहां गोरखनाथ मंदिर बना हुआ है, वहां उन्होंने अपनी दिव्य समाधि लगाई थी। इस मंदिर को गोरक्षनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। गुरु गोरखनाथ जी के प्रतिनिधि के रूप में सम्मानित संत को महंत की उपाधि से विभूषित किया जाता है। श्री वरद्नाथ जी महाराज जी इस मंदिर के प्रथम महंत थे। कहा जाता है कि वह गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे। उसके बाद बुद्ध नाथ जी मंदिर के महंत बने। 15 फरवरी 1994 गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्य नाथ जी महाराज द्वारा मांगलिक वैदिक मंत्रोच्चार पूर्वक योगी आदित्यनाथ का दीक्षाभिषेक हुआ था। 

मंदिर के भीतरी भाग में मुख्य वेदी पर गुरु गोरखनाथ जी महाराज की सफेद संगमरमर की दिव्य प्रतिमा स्थापित है। यहां श्री गुरु गोरखनाथ जी की चरण पादुकाएं भी प्रतिष्ठित हैं, जिनकी प्रतिदिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवता्ों के मंदिर भी स्थित है। 

14वीं सदी में भारत के मुस्लिम सम्राट अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में इस मंदिर को नष्ट किया गया था। साधक योगियों को बलपूर्वक निकाला गया था। उसके बाद मठ का पुन: निर्माण किया गया।18 वीं सदी में मुगल शासक औरंगजेब ने इसे दो बार नष्ट किया। मंदिर में गोरखनाथ जी द्वारा प्रव्जलित अखंड ज्योति त्रेतायुग से आज तक जल रही है। यह अखंड ज्योति मंदिर के अंतरवर्ती भाग में स्थित है। मंदिर में प्रतिदिन बहुत संख्या में भक्त दर्शनों हेतु आते हैं। कहा जाता है कि मंगलवार के दिन यहां भक्तों की ज्यादा संख्या होती है। 
 


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