Gopal Krishna Gokhale Story: जो सत्य की रक्षा करता है, सत्य उसकी रक्षा करता है
punjabkesari.in Thursday, Dec 28, 2023 - 12:00 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Gopal Krishna Gokhale: महाराष्ट्र के एक स्कूल में एक दिन अध्यापक ने बच्चों से प्रश्न किया, “यदि तुम्हें रास्ते में एक हीरा मिल जाए तो तुम उसका क्या करोगे।
एक बालक ने कहा, “मैं इसे बेच कर कार खरीदूंगा।
दूसरे ने कहा, “मैं उसे बेचकर धनवान बन जाऊंगा।” किसी और ने कहा कि वह उसे बेचकर विदेश यात्रा करेगा।
वहीं गोपाल नामक बालक का उत्तर था, “मैं उस हीरे के मालिक का पता लगाकर उसे लौटा दूंगा।”
अध्यापक चकित हुए। उन्होंने पूछा कि अगर खूब पता लगाने पर भी उसका मालिक न मिला तो ?
गोपाल ने कहा, “तब मैं हीरे को बेचूंगा और इससे मिले पैसे को देश की सेवा में लगा दूंगा।” शिक्षक यह सुनकर गदगद हो गए। कुछ दिनों के बाद उन्होंने गणित का एक प्रश्न पूछा। प्रश्न थोड़ा कठिन था, कोई भी छात्र उसे हल नहीं कर पाया पर गोपाल ने सही उत्तर बता दिया। अध्यापक ने खुश होकर गोपाल को पुरस्कार दिया।
परन्तु दूसरे ही दिन गोपाल अपने अध्यापक के पास पहुंचा और पुरस्कार वापस करते हुए बोला, “इस पुरस्कार का अधिकारी मैं नहीं हूं। गणित के प्रश्न का उत्तर तो मैंने दूसरे विद्यार्थी से पूछकर बताया था, इसलिए यह पुरस्कार तो उसे ही मिलना चाहिए।” अध्यापक महोदय ने गोपाल की सत्यनिष्ठा की बड़ी प्रशंसा की।
उन्होंने सभी विद्यार्थियों को एकत्रित करके समझाया, “ जो लोग सत्य से विमुख आचरण करते हैं उनका झूठ उजागर न भी हो तो भी उन्हें इसी तरह अशांति होती है जैसी गोपाल को हुई।”
उन्होंने गोपाल को पुरस्कार लौटा हुए कहा, “इस पर अब तुम्हारा वास्तविक अधिकार हो गया है क्योंकि तुमने सत्य की रक्षा की है।” बालक गोपाल ही आगे चलकर गोपाल कृष्ण गोखले के नाम से दुनिया भर में मशहूर हुआ। गोपालकृष्ण गोखले देश के उन महापुरुषों में से थे, जिन्होंने भारतीय आंदोलन की नींव रखी।