Gautam Adani पर शनि और राहु भारी

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 07:55 AM (IST)

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Gautam Adani Horoscope: देश का मशहूर उद्योगपति इन दिनों चर्चा में हैं और चर्चा महज दो दिन में उनकी कंपनी का मार्कीट कैप 4 लाख करोड़ रूपए कम  होने के कारण है। पिछले दो दिन से अडानी समूह की 10 कंपनियों के शेयरों में ताबड़ तोड़ बिकवाली हो रही है। यह बिकवाली अमरीका के एक कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद शुरू हुई। इस रिपोर्ट में अडानी समूह पर वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं।  लेकिन इस भारी बकवाली में अडानी अकेले ही नहीं डूबे बल्कि उनकी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने वाले लाखों निवेशकों का पैसा भी दांव पर लग गया है। यह गिरवाट इतनी तेजी से आ रही है कि निवेशकों को अपने शेयर बेचने तक का मौका नहीं मिल रहा है और कई कंपनियों के शेयर दो दिन में पचीस फीसदी से ज्यादा टूट गए हैं मतलब दो दिन में एक चौथाई कंपनी साफ।

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मेरी खुद की हिस्ट्री बिजनेस जर्नलिज्म से जुड़ी रही है और पिछले करीब सोलह साल से एस्ट्रॉलजी का स्टूडेंट होने के कारण भी दिमाग में एक बार तो सवाल आया कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक महीने पहले दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स बने अडानी महीने में ही औंधे मुंह आ गिरे और अब यहां से वह क्या उठ पाएंगे और यदि उठेंगे तो कब तक उठेंगे। तो यह सवाल ले गया उनकी जन्म कुंडली तक इंटरनेट पर सर्च किया तो उनकी कुंडली की जो डिटेल मिली उसके मुताबिक उनका जन्म 24  जून 1962 को सुबह 5.15 बजे अहमदाबाद में हुआ है और उनकी कुंडली वृषभ लगन की निकलती है।  मेरे साथ आप यह जो कुंडली देख रहे हैं वह गौतम  अडानी की ही कुंडली है। अगर इसका समय थोड़ा आगे पीछे भी हो तो हम चंद्र कुंडली से भी इसका विश्लेषण करने की कोशिश करते हैं

गौतम अडानी की कुंडली में शुक्र की दशा चल रही है और शुक्र लग्नेश के साथ-साथ छठे भाव के भी स्वामी हैं और तीसरे भाव में राहु के साथ विराजमान हैं। केंद्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार मई 2014 में बनी थी और दिसंबर 2014 में अडानी के लिए शुक्र की महादशा शुरू हो गई। जैसा की हम चार्ट में देख सकते हैं कि शुक्र लग्नेश होने के साथ-साथ छठे भाव के भी स्वामी हैं इसलिए अडानी इस दशा के बाद से ही लगातार विवाद में रहे हैं और पिछले साल फरवरी में उनकी कुंडली में शुक्र में राहु का अंतर् चल रहा है। राहु दशा स्वामी शुक्र के साथ ही तीसरे भाव में हैं। अब राहु की अपनी कोई राशि नहीं होती और वह जिस भाव में बैठते हैं उसके फल करते हैं और जिस ग्रह के साथ बैठते हैं, उसके फलों में वृद्धि करते हैं। शुक्र चूंकि विलासिता और ऐश्वर्य का कारक है लिहाजा शुक्र की महादशा के बीच उन्होंने अकूत संपत्ति कमाई है लेकिन राहु तो पिछले साल फरवरी से चल रहे हैं तो ऐसा क्या हुआ कि जनवरी में उन्हें इतना बड़ा झटका लगा है। 

ज्योतिष में कहा जाता है कि शनिवत राहु कुजवत केतु यानी राहु शनि की तरह फल करते हैं और केतु मंगल की तरह। शुक्र में राहु का अंतर पहले से चल रहा था और 17 जनवरी को गौतम अडानी शनि की साढ़े साती के दूसरे फेस में प्रवेश कर गए। यह साढ़ेसाती भी उनकी कुंडली में तीन साल से चल रही है और पिछले तीन साल से ही वह विवादों में बने हुए हैं और पिछले तीन साल में ही ऐसा कई बार हुआ कि उनकी कंपनियों के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई। 

अब उनकी कुंडली में शुक्र की महादशा में राहु की अंतर दशा के मध्य 18 दिसंबर को शनि का अंतर भी शुरू हो गया है।  शनि गौतम अडानी की राशि के स्वामी भी हैं और राशि से बाहरवें भाव यानी व्यय भाव के भी स्वामी हैं।  शनि की प्रत्यन्तर दशा और शनि की साढ़े साती का दूसरा फेस शुरू होने के 10 दिन के भीतर यह रिपोर्ट आई और अडानी आज औंधे मुंह हैं लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या अडानी यहां से उबार पाएंगे तो जवाब है कि 30  जनवरी को शनि के अस्त होने के बाद मौजूदा स्थिति में थोड़ा सुधार देखने को मिल सकता है लेकिन यह सुधार होगा और लंबी अवधि में उन्हें इस से उबरने में वक़्त लगेगा। 

यह इत्तेफाक की बात है कि उनकी कुंडली में शनि की दूसरी ढैया मार्च 2025 तक चलेगी और फरवरी 2025 में राहु का अंतर समाप्त होगा। मतलब साफ़ है कि अगले दो साल अडानी के लिए न सिर्फ वित्तीय रूप से कठिन हैं बल्कि मुक्क्द्मेबाजी और सेहत के लिहाज से भी समय कठिन है।  वैसे शनि यदि राशि के स्वामी हों तो वह साढ़े साती में ज्यादा नुकसान नहीं करते लेकिन यह आपकी कुंडली में शनि द्वारा अष्टक वर्ग में दिए गए नंबरों से पता चलता है और अडानी की कुंडली यहीं कमजोर साबित हो रही है। शनि इस समय कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं और अडानी की कुंडली में शनि ने अष्टक वर्ग में महज तीन अंक दिए हैं। ज्योतिष के जानकार इस नंबर का महत्व समझते हैं क्योंकि यदि यह अंक चार से कम हों तो शनि के इस गोचर के नतीजे उनके लिए अच्छे नहीं रहेंगे।  वैसे भी शनि गौतम अडानी की लग्न कुंडली से दसवें भाव से गोचर कर के चौथे भाव को देख रहे हैं लिहाजा अगले साल में शनि गौतम अडानी की जनता के बीच धारणा को जरूर खराब करेंगे। दसवें भाव से शनि की तीसरी दृष्टि व्यय भाव को प्रभावित करेगी लिहाजा उनका जमा खर्च होगा और दसवें भाव पर शनि की दृष्टि पार्टनर्स के साथ भी संबंधों पर निश्चत रूप से असर डालेगी।

मौजूदा स्थिति से इतर अडानी की कुंडली में अच्छे योग भी हैं।  उनकी कुंडली के केंद्र में चंद्र गुरु का गज केसरी योग बन रहा है। दूसरा शुभ ग्रह बुध भी केंद्र में है और राहु चंद्र कुंडली में छठे भाव में हैं। जो दुश्मन पर भरी पड़ता है लिहाजा लंबी अवधि में अडानी इन तमाम विवादों से निकल सकते हैं।  बहुत कम लोगों को पता होगा कि अडानी दो बार मौत को चकमा दे चुके हैं। 1997  में उन्हें किडनैप कर लिया गया था और उनकी जान पर बन आई थी उस समय अडानी शनि की साढ़े साती के आखिरी फेस से गुजर रहे थे। इस मामले में 1 जनवरी 1998 को एक एफ आई आर भी दर्ज की गई थी और 26 नवंबर 2008 को जब मुंबई में ताज होटल पर आतंकी हमला हुआ था तो उस समय अडानी ताज में ही हमलावरों से महज 15 फीट की दूरी पर थे।  इस दौरान उनकी कुंडली में केतु की महादशा में शुक्र का अंतर और राहु का प्रिंटर चल रहा था।  शुक्र में राहु का अंतर चल रहा है। समय कठिन है और उन्हें अब यह कठिन समय फेस करना पड़ेगा और उनके साथ-साथ उनके निवेशकों के लिए भी यह परीक्षा की घड़ी है। आखिर जब एक बड़ा हाथी गिरे तो आस पास की धरती थोड़ा तो हिलती ही है।  

नरेश कुमार
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Content Writer

Niyati Bhandari

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