Narasimha Jayanti ke niyam: नरसिंह जयंती पर भूलकर भी न करें ये काम, लग सकता है भारी दोष
punjabkesari.in Thursday, May 08, 2025 - 02:05 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Narasimha Jayanti 2025: हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती का पर्व मनाया जाता है।ये दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार श्री नरसिंह के प्रकट होने की स्मृति में श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। साल 2025 में नरसिंह जयंती 11 मई रविवार को मनाई जाएगी। ये पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, इस दिन व्रत, पूजा और विशेष नियमों का पालन कर भक्त भगवान नरसिंह की कृपा प्राप्त करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नरसिंह जयंती पर कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। तो आइए जानते हैं नरसिंह जयंती के शुभ मुहूर्त साथ ही वो जरूरी सावधानियां और वर्जित कार्य जिन्हें इस दिन करने से बचना चाहिए।
Narasimha Jayanti Shubh muhurat नरसिंह जयंती शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 10 मई को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 11 मई को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल नरसिंह जयंती 11 मई को मनाई जाएगी।
Narasimha Jayanti ke niyam नरसिंह जयंती के नियम
नरसिंह जयंती के दिन पूर्ण रूप से सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज जैसे तामसिक पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।
ये दिन भगवान नरसिंह को समर्पित है और पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। इस दिन किसी भी व्यक्ति, विशेषकर बड़े-बुजुर्गों या कमजोरों का अपमान नहीं करना चाहिए।
भगवान नरसिंह सभी प्राणियों में व्याप्त हैं और किसी का भी अनादर करने से उनका क्रोध भड़क सकता है। काले या नीले रंग के वस्त्र नरसिंह जयंती पर पहनने से बचना चाहिए।
इस दिन पीले, लाल या केसरिया रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक हैं।
इसके अलावा शारीरिक संबंध ब्रह्मचर्य का पालन करना इस दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए, नरसिंह जयंती के दिन शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए।
नरसिंह जयंती की शाम को घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए। मान्यता है कि इस समय भगवान नरसिंह का आगमन होता है, इसलिए घर को रोशनी से जगमगाना चाहिए।
इस पवित्र दिन झूठ बोलना या किसी के साथ छल कपट करना घोर पाप माना जाता है। सत्यनिष्ठा और ईमानदारी का पालन करना चाहिए।