Chandra Grahan 2023: इस दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में भी दिखेगा इसका असर

punjabkesari.in Sunday, Oct 08, 2023 - 08:51 AM (IST)

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Chandra Grahan 2023: वर्ष 2023 में साल का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई वैशाख पूर्णिमा के दिन लगा था। जल्द ही अब साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष गणना के मुताबिक यह ग्रहण 29 अक्टूबर रविवार को लगेगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है। विज्ञान के मुताबिक इसे खगोलीय घटना माना जाता है लेकिन धार्मिक शास्त्रों की मानें तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

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Lunar eclipse time चंद्र ग्रहण का समय
साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को रविवार के दिन लगेगा। रात 1:06 पर चंद्र ग्रहण शुरू होगा और 2:22 पर समाप्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी।

इस ग्रहण की खास बात यह है कि ये भारत में भी नजर आएगा और सूतक काल मान्य होगा। पिछला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दिया था। सूतक काल  होने की वजह से सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लगा दी जाती है। मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं। इस चंद्र ग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की दोपहर 2 बजकर 52 मिनट से शुरू होगा।

Where else will the lunar eclipse be visible except India भारत के अलावा कहा-कहा दिखाई देगा चंद्र ग्रहण  
भारत के अलावा यह चंद्र ग्रहण नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, सूडान, इराक, तुर्की, अल्जीरिया, जर्मनी, पोलैंड, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका, इटली, यूक्रेन, फ्रांस, नॉर्वे, ब्रिटेन, स्पेन, स्वीडन, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडोनेशिया में देखा जाएगा।

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How many types of lunar eclipse are there कितने तरह का होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण तीन तरह का होता है। पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रह। जब धरती, सूरज और चांद एक सीध में आ जाते हैं। इस दौरान धरती चांद को पूरी तरह से ढक लेती है, जिसकी वजह से सूर्य की रोशनी चांद पर नहीं पहुंचती। इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

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जिस समय सूरज और चांद के बीच पृथ्वी आ जाती है और चांद पर सूरज की थोड़ी रोशनी पहुंचती है। इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करता है, जिसे अंग्रेजी में पेनुमब्रा कहते हैं। जब चांद पेनुमब्रा में प्रवेश करके वहीं से बाहर निकल आता है तो इसे उपच्‍छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है। उपछाया चंद्र ग्रहण में चंद्रमा की बनावट पर प्रभाव नहीं पड़ता है, उसमें बस धुंधलापन आ जाता है।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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