आज पूर्णिमा की रात दुर्लभ गजकेसरी योग में करें चंद्रमा की साधना, जीवन में आएगा चमत्कारिक परिवर्तन

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 02:23 PM (IST)

Chandra Sadhna on Purnima: ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा की रात को चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होकर पूर्ण रूप से धरती पर अपनी ऊर्जा बिखेरता है। यदि यह पूर्णिमा किसी शुभ और दुर्लभ योग के साथ पड़े, तो इसकी शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। 4 दिसंबर 2025 यानी  आज के दिन पूर्णिमा की रात को ऐसा ही एक अत्यंत शुभ योग, गजकेसरी योग, बन रहा है। तो आइए जानते हैं इस योग में चंद्रमा की गई साधना आपके जीवन की दो बड़ी मनचाही इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति रखती है। 

Chandra Sadhna on Purnima

क्या है दुर्लभ गजकेसरी योग?
ज्योतिष के अनुसार, गजकेसरी योग तब बनता है जब देवगुरु बृहस्पति और चंद्रमा एक-दूसरे से केंद्र भाव में होते हैं। यह योग अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। गजकेसरी का अर्थ है हाथी के समान बल और सिंह के समान पराक्रम। यह योग व्यक्ति को धन, ज्ञान, ऐश्वर्य, मान-सम्मान और हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करता है। पूर्णिमा पर जब चंद्र साधना गजकेसरी योग के प्रभाव में की जाती है, तो आपके संकल्प की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

Chandra Sadhna on Purnima

गजकेसरी योग में पूर्णिमा की दिव्य चंद्र साधना
संध्याकाल में स्नान करके स्वच्छ, सफेद या हल्के रंग के वस्त्र धारण करें।
घर की छत, बालकनी या कोई भी खुली जगह चुनें जहां से चंद्रमा सीधा दिखाई दे।
एक तांबे या चांदी का पात्र लें, उसमें सादा जल, थोड़ा दूध, चीनी, चावल और गुलाब के फूल की पत्तियां मिला लें।
चंद्रमा के उदय होने पर सबसे पहले उन्हें नमन करें।
आंखों में चंद्रमा को देखते हुए, अपनी पहली बड़ी मनचाही इच्छा को मन में पूरी स्पष्टता के साथ दोहराएं।
चंद्रमा को देखते हुए इस ॐ सों सोमाय नमः मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें।
मंत्र जाप के बाद, तैयार जल से धीरे-धीरे चंद्रमा को अर्घ्य दें और अर्घ्य देने के बाद, वहीं पर शांत चित्त होकर बैठ जाएं।
अपनी दूसरी बड़ी इच्छा पर ध्यान केंद्रित करें। कल्पना करें कि वह इच्छा पूरी हो गई है।
गजकेसरी योग गुरु के प्रभाव से बनता है। इसलिए अपनी इच्छा की पूर्ति के लिए देवगुरु बृहस्पति का स्मरण करते हुए, उनसे सफलता का आशीर्वाद मांगें।
साधना पूरी होने के बाद, चंद्रमा को प्रणाम करें और अपनी दोनों इच्छाओं को साकार करने के लिए ब्रह्मांड का धन्यवाद करें।

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Content Editor

Sarita Thapa

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