Margashirsha Purnima 2025: साल की आखिरी पूर्णिमा पर करें ये उपाय, बदलेगी तकदीर और पूरी होंगी सभी इच्छाएं
punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 01:36 PM (IST)
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Margashirsha Purnima 2025: मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे अगहन पूर्णिमा या बत्तीसी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि मासों में मैं मार्गशीर्ष हूं। इसलिए यह महीना और इसकी पूर्णिमा तिथि, दोनों ही अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी मानी जाती हैं। यह पूर्णिमा भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन किए गए स्नान, दान और विशेष उपाय से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में साक्षात मां लक्ष्मी का वास होता है।

मनोकामना पूर्ति और लक्ष्मी कृपा का महाउपाय
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त अत्यंत दिव्य और ऊर्जा से भरा होता है। इस समय किया गया यह उपाय अक्षय फलदायी होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पवित्र स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव का ध्यान करते हुए अपनी मनोकामना पूर्ति का संकल्प लें। तुलसी के पौधे के पास एक घी का दीपक प्रज्वलित करें। तुलसी को माता लक्ष्मी का ही स्वरूप माना जाता है। दीपक जलाकर तुलसी की 11 या 21 बार परिक्रमा करें। तुलसी के पौधे के पास या अपने पूजा स्थल पर बैठकर कम से कम 108 बार इन दिव्य मंत्रों में से किसी एक का जाप करें:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः॥
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय॥
धन वर्षा के लिए उपाय
शाम को चंद्रोदय होने के बाद, चांदी या किसी भी धातु के पात्र में दूध, जल, मिश्री और अक्षत मिलाकर चंद्र देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः मंत्र का जाप करें। यह उपाय कुंडली में चंद्र दोष को समाप्त करता है। मन शांत होता है और मानसिक तनाव दूर होकर निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे व्यापार और करियर में लाभ मिलता है।

गरीबों को सफेद वस्तुओं का दान
पूर्णिमा पर सफेद वस्तुओं का दान विशेष फलदायी होता है क्योंकि यह चंद्रमा और माता लक्ष्मी दोनों से जुड़ा है। ज़रूरतमंदों को चावल, चीनी, दूध, सफेद वस्त्र, या घी का दान करें। इस दिन किए गए दान का फल कई गुना अधिक प्राप्त होता है।दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में बरकत बनी रहती है। यह उपाय दरिद्रता को दूर करता है।
सत्यनारायण भगवान की कथा
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए पूर्णिमा पर सत्यनारायण कथा का पाठ करना अनिवार्य माना जाता है। इस शुभ मुहूर्त में परिवार के साथ मिलकर सत्यनारायण भगवान की कथा सुनें या स्वयं पाठ करें। यह कथा घर में सुख-शांति लाती है, सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं और परिवार पर भगवान विष्णु की असीम कृपा बनी रहती है।

