Year Ender 2025: महाकुंभ से राम मंदिर ध्वजारोहण तक, भारत के प्रमुख धार्मिक आयोजनों की साल भर की झलक
punjabkesari.in Thursday, Dec 11, 2025 - 10:55 AM (IST)
Year Ender 2025: धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से वर्ष 2025 भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा। देश में कई ऐतिहासिक और विशाल धार्मिक आयोजनों ने न केवल करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और आस्था की गहराई को भी विश्व पटल पर उजागर किया। महाकुंभ मेला, जगन्नाथ रथ यात्रा और राम मंदिर ध्वजारोहण जैसे कार्यक्रम वर्ष भर चर्चा में रहे और इनमें भारी संख्या में भक्तों की उपस्थिति ने इन आयोजनों को और भी ऐतिहासिक बना दिया।

महाकुंभ 2025: आस्था के महासंगम में 66 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति
साल 2025 में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ मेले का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक हुआ। 45 दिनों तक चले इस दिव्य-भव्य आयोजन को दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम माना जाता है।

मुख्य स्थल: त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन)
श्रद्धालुओं की संख्या: लगभग 66 करोड़
मुख्य आकर्षण:
पवित्र संगम में डुबकी
शाही स्नान की तिथियां
गंगा आरती
प्राचीन हनुमान मंदिर के दर्शन
महाकुंभ की आध्यात्मिक ऊर्जा, विशाल व्यवस्थाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां इस साल भी भारतीय परंपरा को वैश्विक मंच पर स्थापित करती रहीं।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: ओडिशा में उमड़ा भक्तों का सागर
पुरी, ओडिशा का विश्वप्रसिद्ध श्री जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 का आयोजन 27 जून से 5 जुलाई तक अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवधि में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा विशाल रथों पर विराजमान होकर गुंडिचा मंदिर की यात्रा पर निकलते हैं।
यात्रा की अवधि: 27 जून – 5 जुलाई
श्रद्धालु: लगभग 15 लाख
विशेष आकर्षण:
लाखों भक्तों द्वारा रथ खींचना
देवताओं की भव्य झांकी
मंदिर परिसर में विशेष पूजा-पाठ
यह यात्रा केवल उत्सव नहीं, बल्कि मोक्ष और भक्ति की अनुभूति का अपूर्व अवसर मानी जाती है।
राम मंदिर ध्वजारोहण 2025: वर्षों की प्रतीक्षा के बाद ऐतिहासिक क्षण
वर्ष के सबसे चर्चित धार्मिक आयोजनों में से एक रहा राम मंदिर ध्वजारोहण समारोह, जिसका आयोजन 25 नवंबर 2025 को अयोध्या में किया गया। इस ऐतिहासिक दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराया, जो भारत की आस्था और परंपरा की अनंत शक्ति का प्रतीक बना।
ध्वज की विशेषताएं:
केसरिया रंग
20 फीट लंबा, 11 फीट ऊंचा
‘ॐ’, ‘सूर्य’ और ‘पीपल वृक्ष’ की छवियां अंकित
महत्व: भगवान राम के जन्मस्थान पर वर्षों बाद स्थापित हुआ पवित्र ध्वज सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक। इस आयोजन ने पूरे देश में उत्सव का माहौल पैदा किया और इसकी गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंची।
साल 2025 धार्मिक आयोजनों, आध्यात्मिक अनुभूतियों और भारत की सांस्कृतिक धरोहर के भव्य रूप का प्रतीक रहा। महाकुंभ की अलौकिक भीड़, जगन्नाथ रथ यात्रा की श्रद्धा और राम मंदिर ध्वजारोहण की ऐतिहासिक गूंज ने इस वर्ष को भारतीय परंपरा के स्वर्णिम अध्याय में दर्ज कर दिया।



