मकर राशि का संपूर्ण विश्लेषण: स्वभाव, करियर, पैसा, शादी, स्वास्थ्य, उपाय
punjabkesari.in Friday, Jun 20, 2025 - 03:11 PM (IST)
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Capricorn Zodiac: यदि आपका नाम अंग्रेजी के शब्द J, G से शुरू होता है या हिंदी में आपके नाम का पहला अक्षर जा, जी, जु, जे, जो, ग, गी है, तो मकर राशि का स्वामी शनि है और शनि कर्म का कारक है। इसे अनुशासन बहुत प्रिय है लिहाजा इस राशि के जातक जिम्मेदार होने के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी होते हैं। इनमें महत्वाकांक्षा भी बहुत होती है। इनके लिए कर्म वह जीवन होता है क्योंकि काल पुरुष की कुंडली में मकर राशि दसवें भाव में आ जाती है और दसवां भाव जीवन में कर्म का ही भाव होता है। शनि की राशि होने के कारण इस राशि के जातकों में धैर्य बहुत होता है। किसी भी कार्य में अपने मुताबिक परिणाम हासिल करने के लिए धैर्य के साथ काम करते हैं। इन्हें काम में सफलता भी मिलती है पृथ्वी तत्व की राशि होने के कारण यह जमीन से जुड़े होते हैं। हवाहवाई बातें करने में ज्यादा यकीन नहीं रखते है। यह अपने फैक्ट्स को ज्यादा जोर देते हैं। तथ्यों के साथ बात करने की इन्हें आदत होती है लंबी अवधि में इन्हें यही आदत सफलता भी दिलाती है।
मकर राशि मूवेबल यानी कि चर राशि है लिहाजा इन्हें घूमने-फिरने का शौक बहुत होता है। यह अक्सर नई-नई जगह को एक्सप्लोर करते रहते हैं लेकिन मूवेबल राशि होने के कारण इनकी लाइफ में कुछ दिक्कतें भी आती हैं। लाइफ में स्थिरता नहीं आती जल्दी और ऐसे जातक एक के बाद एक जॉब्स बदलते रहते हैं लिहाजा इन्हें इसका वित्तीय तौर पर नुकसान भी उठाना पड़ता है। यही मूवेबल साइन इनके लिए रिलेशनशिप के मामले में वरदान भी साबित होता है और क्योंकि यह पॉजिटिव काम करता है। किसी के साथ भी रिलेशनशिप टूटने पर यह जातक उसके गम में डूबने की बजाय लाइफ में मूव ऑन करने में आसानी से आगे निकल जाते हैं और ब्रेकअप को लंबे समय तक दिमाग में नहीं रखते हालांकि मकर राशि का स्वामी शनि है, जो एक क्रूर ग्रह है लेकिन मकर राशि सौम्य स्वभाव की राशि है। यह सामने वाले पर डोमिनेट करने की बजाय आपसी सहमति से किसी भी मसले का समाधान करने में रुचि रखते हैं। इस राशि की दिशा दक्षिण है इसके कारण ऐसे जातकों को दक्षिण दिशा का घर या दक्षिण दिशा का ट्रैवल जो है वो खूब रास आता है। इन्हें ऐसे ट्रैवल्स में काफी फायदा भी होता है मकर राशि चूंकि रात्रि वाली राशि है तो इन्हें अक्सर आप रात्रि के समय ज्यादा एक्टिव पाएंगे। इनका बॉडी और माइंड ज्यादा एक्टिव हो जाता है और इन्हें रात के समय काम करने पे रिजल्ट भी अच्छे मिलते हैं।
करियर- मकर राशि के जातकों का जन्म सूर्य के उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के दूसरे तीसरे और चौथे चरण में चंद्रमा के श्रवणा नक्षत्र के चारों चरणों में और मंगल के मृगरा नक्षत्र के पहले दो चरणों में होता है। इस राशि के अधिकतर जातक राहु और गुरु की महादशा में ही करियर की शुरुआत करते हैं और करियर गुरु और शनि की महादशा में पीक पर होता है। सूर्य के नक्षत्र में जितने भी जातक पैदा होते हैं। वह राहु की महादशा में ही अपना करियर शुरू करते हैं और गुरु की दशा में करियर पीक पर जाता है। ऐसे जातकों जो है मंगल के धनिष्ठा नक्षत्र में पैदा होते हैं। उनका करियर गुरु की महादशा में शुरू होता है। फिर शनि की महादशा में नई ऊंचाइयां इनको मिलती हैं। शनि इस राशि के स्वामी होने के साथ-साथ धन स्थान के आय धन स्थान के भी स्वामी हो जाते हैं। शनि की महादशा इनके लिए धन में वृद्धि के साथ-साथ सामाजिक प्रतिष्ठा भी लेकर आती है। शुक्र इन जातकों के लिए कारोबार वाले भाव के स्वामी बन जाते हैं क्योंकि दवें भाव में तुला राशि आ जाती है। इसके साथ-साथ पंचम स्थान के भी स्वामी बनते हैं। जहां पर शुक्र की वृषभ राशि आ जाती है तो शुक्र इस राशि के लिए योगाकारक ग्रह हैं इन जातकों की कुंडली में शुक्र की स्थिति अच्छी हो तो इन्हें तमाम सुख- सुविधाएं मिलती हैं और शुक्र की खराब स्थिति वह करियर में उतार-चढ़ाव लाने का काम करती है।
रिलेशनशिप- यह राशि मूवेबल है। इनकी उन राशियों के साथ ज्यादा बनती है जिनके स्वामी शनि है बुध और शुक्र है यानी कि वृषभ राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि, तुला राशि, कुंभ राशि के जातकों के साथ इनकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो सकती है। मकर राशि के जातकों के सातवें भाव यानी कि शादी वाले भाव में कर्क राशि आ जाती है। इनका पार्टनर जो है वह चंद्रमा से प्रभावित होता है और पार्टनर काफ़ी इमोशनल भी होता है। इनके पार्टनर का जन्म स्थान से उत्तर दिशा में मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
हेल्थ- मकर राशि मानव शरीर में घुटनों को रिप्रेजेंट करती है और यदि कुंडली में चंद्रमा पर पाप प्रभाव हो तो जातक घुटनों के दर्द से परेशान होता है और हड्डियों से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा करियर को लेकर चिंता के चलते इस राशि के जातक कई बार डिप्रेशन जैसी बीमारी का भी शिकार हो जाते हैं। पृथ्वी तत्व की राशि होने के कारण मकर राशि के जातकों को स्किन और पाचन से जुड़ी समस्याओं से भी दोचार होना पड़ता है। हड्डियों से संबंधित बीमारियों से बचने के लिए इन्हें ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम वाला आहार अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा पाचन संबंधी विकारों से बचने के लिए इन्हें सुबह और शाम सैर करनी चाहिए और व्यवसाइज करनी चाहिए। इसके साथ ही मौसम बदलने पर अपना खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि मौसम बदलने से होने वाली एनर्जी इनकी स्किन पर सीधा असर करती है। मानसिक परेशानी से बचने के लिए मकर राशि के जातक हैं योग और मेडिटेशन का सहारा ले सकते हैं।
उपाय- मकर राशि के जातकों के लिए बुध भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं। जबकि शुक्र पंचम भाव के स्वामी हो जाते हैं। अपने राशि स्वामी शनि के स्टोन के अलावा यह जातक शनि का स्टोन होता है। इसके अलावा जातक बुध का पन्ना और शुक्र का हीरा धारण कर सकते हैं लेकिन कोई भी स्टोन धारण करने से पहले यह सुनिश्चित ज़रूर करें कि जिस ग्रह का स्टोन धारण कर रहे हैं। वह कुंडली में छठे, आठवेंस 12वें भाव में न हो। वह मारक स्थान में हो न ही तीसरे भाव में हो। यदि प्लनेट कुंडली के केंद्र त्रिकोण और लाभ स्थान में है, तो धारण कर सकते हैं। भाग्य स्थान के स्वामी बुध की रेमेडी के तौर पर बुधवार के दिन मूंग की हरी दाल, हरे वस्त्र, चारा दान कर सकते हैं। बुध का बीज मंत्र ओम बुम बुद्धाय नमः का जप करें। इसके अलावा यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं, तो मकर राशि के जातकों के लिए रुद्राक्ष सात मुखी काफी फायदेमंद रहता है। सात मुखी रुद्राक्ष उसका जो संबंध है सीधा शनि देव के साथ है और शनि ही मकर राशि के स्वामी भी हैं यह रुद्राक्ष इन जातकों के लिए खासतौर पर अच्छा है। इसे धारण करने वाले जातकों को समाज में प्रतिष्ठा के साथ-साथ धन की वृद्धि भी होती है और इसके साथ ही शारीरिक दुर्बलता और कई रोगों से छुटकारा भी मिलता है।
नरेश कुमार
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