SEBI कर रहा 6 इन्वेस्टमेंट बैंकों की जांच, स्मॉल IPO में ओवरसब्सक्रिप्शन कराने का आरोप

punjabkesari.in Tuesday, Sep 24, 2024 - 06:07 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत का मार्केट रेगुलेटर सेबी IPO बाजार में हो रही गलत प्रैक्टिस को लेकर छह घरेलू इन्वेस्टमेंट बैंकों की जांच कर रहा है। ये ऐसे बैंक हैं जिन्होंने छोटे बिजनेस की ऑफरिंग पर काम किया है। इस मामले से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े दो सूत्रों ने बताया कि यह जांच इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी और बैंकों की तरफ से वसूली गई फीस पर फोकस्ड है।

ज्यादा वसूला फीस

सूत्रों ने बताया कि इन बैंकों ने IPO के जरिए जुटाई गई राशि का 15% फीस के रूप में वसूला, जो भारत में सामान्य तौर पर 1-3% की दर से काफी अधिक है। यह जांच SEBI की उन कोशिशों का हिस्सा है जिनके तहत निवेशकों को छोटे बिजनेस में निवेश के खतरों के बारे में चेतावनी दी गई है और ऐसे IPO के लिए सख्त नियम बनाने की योजना बनाई जा रही है।

भारत में स्मॉल बिजनेस वे होते हैं, जिनका सालाना टर्नओवर 5 करोड़ से 250 करोड़ रुपए के बीच होता है। ये BSE और NSE के अलग-अलग सेक्शन में लिस्टेड होते हैं, इनमें कम खुलासे की जरूरत होती है। जबकि, लॉर्ज IPO के लिए एक्सचेंजों की तरफ से ऑफरिंग की जांच की जाती है जिन्हें सेबी से मंजूरी दी जानी होती है।

ऐसे कराते हैं IPO ओवरसब्सक्राइब

SEBI की प्रारंभिक जांच के अनुसार, इन ऊंची फीस का उद्देश्य IPO को ओवरसब्सक्राइब करना है। SEBI उन बैंकों और निवेशकों के बीच को-ऑर्डिनेटेड एक्टिविटी को रोकने का प्रयास कर रहा है जो नियमों का उल्लंघन करते हुए हाई नेटवर्थ वाले व्यक्तियों और सामान्य रिटेल निवेशकों के रूप में भारी बोली लगाते हैं। यह बोली असली नहीं होती और अलॉटमेंट के समय रद्द कर दी जाती है, लेकिन इसकी वजह से अन्य निवेशक आकर्षित हो जाते हैं।

60 से अधिक निवेश बैंक छोटे बिजनेस के IPO पर कर रहे काम

प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, भारत में 60 से अधिक निवेश बैंक छोटे बिजनेस के लिए IPO पर काम कर रहे हैं। मार्च में समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में, 205 स्मॉल बिजनेस ने 6,000 करोड़ रुपए जुटाए, जो पिछले साल 2,200 करोड़ रुपए से काफी अधिक था। अप्रैल-अगस्त की अवधि में 105 छोटी फर्मों ने 3,500 करोड़ रुपए जुटाए हैं, जिसमें दो-तिहाई से अधिक IPO ओवरसब्सक्राइब हुए हैं।

SEBI के सीनियर अधिकारी अश्वनी भाटिया ने इस महीने कहा कि छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों (SME business) के IPO में जांच और संतुलन की कमी रही है, और रेगुलेटर जल्द ही कड़े नियमों का प्रस्ताव लाएगा। जुलाई में SEBI ने पहले दिन की ट्रेडिंग में छोटे बिजनेस के शेयर गेन को 90% तक सीमित किया है।

सूत्रों के अनुसार, SEBI ने ऑडिटर्स और एक्सचेंजों से सतर्क रहने और उन मामलों में कंपनियों की लिस्टिंग को रोकने के लिए कहा है जहां IPO डॉक्यूमेंट्स में दी गई जानकारी से असंतोष है। SEBI 12-15 एक्शन पॉइंट्स पर काम कर रहा है, जिससे छोटे बिजनेस के IPO की प्रक्रिया में बदलाव आएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Related News