SEBI का बड़ा फैसला, इस IPO की लिस्टिंग की रद्द, निवेशकों के पैसे लौटाने का आदेश
punjabkesari.in Wednesday, Dec 04, 2024 - 01:42 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः 2024 में कई कंपनियों ने अपना आईपीओ जारी किया, जिनमें से कुछ ने शानदार मुनाफा दिया, जबकि कुछ का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। अब एक बड़े उलटफेर के तहत Trafiksol SME IPO को लेकर एक बड़ी खबर आई है, जो निवेशकों के लिए किसी झटके से कम नहीं है। दरअसल, बीते सितंबर महीने में ओपन हुए Trafiksol के IPO की बाजार में लिस्टिंग आगे बढ़ाई गई थी और अब ये रद्द कर दी गई है। SEBI ने कंपनी से निवेशकों का पैसा वापस करने का आदेश दिया है।
निवेशकों ने जमकर लगाया था पैसा
बता दें कि Trafiksol आईटीएस टेक्नोलॉजीज का इश्यू बीते सितंबर महीने की 10 तारीख को सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हुआ था और निवेशकों ने इसमें 12 सितंबर तक पैसे लगाए थे। इस आईपीओ का इश्यू साइज 44.87 करोड़ रुपए था और कंपनी की ओर से प्राइस बैंड 66-70 रुपए तय किया गया था। खास बात ये है कि इस एसएमई आईपीओ को निवेशकों का जबर्दस्त रिस्पांस मिला था और ये कुल 345.65 गुना सब्सक्राइब्ड हुआ था।
एक लॉट के लिए किया था इतना निवेश
Trafiksol IPO की और डिटेल्स देखें तो कंपनी ने 10 रुपए की फेस वैल्यू वाले 6,410,000 शेयर के लिए बोली मांगी थी और ये बंपर सब्सक्राइब्ड हुआ था। कंपनी ने 2000 शेयरों का लॉट साइज तय किया था और निवेशक को कम से कम एक लॉट के लिए 1.40 लाख रुपए का इन्वेस्ट करना था। 12 सितंबर को क्लोज होने के बाद इसका अलॉटमेंट और शेयर क्रेडिट प्रॉसेस भी पूरा हो गया था लेकिन इस बीच मार्केट रेग्युलेटर के पास कंपनी को लेकर एक शिकायत आई और इसकी लिस्टिंग पहले टली और अब कैंसिल कर दी गई है।
SEBI ने पैसे वापस करने को कहा
बीते कारोबारी दिन मंगलवार को SEBI ने अपने 16 पन्नों के आदेश में ट्रैफिकसोल एसएमई आईपीओ को रद्द करने और इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी दी है। इसमें कहा गया है कि नियामकीय जांच के बाद ऐसे संकेत मिले हैं कि थर्ड-पार्टी वेंडर (TPV) एक शेल कंपनी हो सकती है। इसके साथ ही ट्रैफिकसोल सेबी द्वारा चल रही कार्यवाही को अंतिम रूप दिए जाने के बाद एक नई पेशकश पर विचार कर सकता है। बाजार नियामक ने साफ शब्दों में कहा है कि कंपनी को निवेशकों द्वारा इन्वेस्ट किए गए पैसों को वापस करने का निर्देश दिया जाता है।
रिफंड प्रोसेस देखेगा BSE
SEBI ने Trafiksol SME IPO को रद्द कर दिया और निवेशकों को उनके पैसे वापस करने का आदेश दिया है। जांच के बाद यह पता चला कि कंपनी का थर्ड-पार्टी वेंडर (TPV) एक शेल कंपनी हो सकता है। BSE रिफंड प्रक्रिया का संचालन करेगा और इसकी लिस्टिंग 17 सितंबर को टलने के बाद SEBI ने 11 अक्टूबर को जांच का आदेश दिया था।