लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का सहारा बने Parle-G बिस्कुट, खूब बिके...टूटा 82 साल का रिकॉर्ड
punjabkesari.in Tuesday, Jun 09, 2020 - 04:01 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन अर्थव्यवस्था को खासा नुकसान पहुंंचा। कई बड़ी कंपनियां बंद होने की कगार पर आ गईं और कई तो बंद भी हो गईं लेकिन लॉकडाउन के बीच Parle-G बिस्कुट की इतनी बिक्री हुई कि कंपनी का 82 साल का रिकॉर्ड टूट गया। सिर्फ 5 रुपए का Parle-G बिस्कुट जहां मीलों चलने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए पेट भरने का आसरा बना वहीं काफी लोगों ने अपने घरों में पारले-जी बिस्कुट का स्टॉक जमा कर के रख लिया ताकि स्नेक्स के तौर पर इसे खाया जा सके।
अधिक बिस्कुट बेचने का रिकॉर्ड बना
Parle-G 1938 से ही आम से खास हर लोगों के बीच एक फेवरेट ब्रांड रहा है लेकिन लॉकडाउन में इसकी लोकप्रियता ज्यादा बढ़ गई और इसने अब तक के इतिहास में सबसे अधिक बिस्कुट बेचने का रिकॉर्ड बनाया है। हालांकि, पारले कंपनी ने सेल्स नंबर नहीं बताए लेकिन यह जरूर कहा कि मार्च, अप्रैल और मई पिछले 8 दशकों में Parle-G के लिए सबसे अच्छे महीने रहे हैं।
पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने कहा कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी बढ़ा है और इसमें से 80-90 फीसदी ग्रोथ पारले-जी की सेल से हुई है। लॉकडाउन के बीच पारले जी में काम कर रहे कर्मचारियों को आने-जाने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए कंपनी ने शुरुआत में ही इस पर फोकस रखा, साथ ही कर्मचारियों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा। यही काराण है कि लॉकडाउन में पारले जी की बिक्री में कमी नहीं आई और लोगों को आसानी से यह बिस्कुट मिलते रहे।
रोटी की जगह पारले जी
लॉकडाउन के दौरान पारले प्रोडक्ट्स ने अपने सबसे अच्छे बिकने वाले, लेकिन कम कीमत वाले पारले-जी की प्रोडक्शन पर ज्यादा फोकस किया। दरअसल लोग पारले-जी की काफी डिमांड कर रहे थे। मयंक शाह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पारले जी बहुत से लोगों के लिए आसानी से और सस्ते में मिलने वाला खाना बन गया था। जो लोग रोटी नहीं खरीद सकते वह भी पारले-जी खरीद सकते हैं।
पारले-जी के अलावा ब्रिटानिया के बिस्कुट भी खूब बिके
लॉकडाउन में पारले-जी ही नहीं बल्कि ब्रिटानिया का गुड डे, टाइगर, मिल्क बिकिस, बार्बर्न और मैरी बिस्कुट के अलावा पारले का क्रैकजैक, मोनैको, हाइड एंड सीक जैसे बिस्कुट भी खूब बिके।