हिंडनबर्ग का असर, रिकवरी से अभी भी कोसों दूर हैं अडानी समूह के शेयर

punjabkesari.in Friday, May 05, 2023 - 02:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः इस साल की शुरुआत में अडानी समूह पर आए हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने भारतीय बाजार को काफी प्रभावित किया। हालांकि उसके बाद से भारतीय बाजार ने अच्छी रिकवरी की है और फिर से पुराने स्तर को हासिल कर लिया है लेकिन अडानी समूह अभी भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट के असर से उबर पाने से कोसों दूर है।

निफ्टी ने कर ली पूरी रिकवरी

घरेलू शेयर बाजार को देखें तो 24 जनवरी को एनएसई का निफ्टी सूचकांक पहली बार 18,200 अंक के स्तर पर पहुंचा था। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को ही अडानी समूह पर अपनी विवादास्पद रिपोर्ट जारी की थी। उसके बाद से अडानी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली का सिलसिला शुरू हो गया। भारतीय बाजार भी उससे अप्रभावित नहीं रह सके और लगातार गिरावट का शिकार होते गए। हालांकि गुरुवार यानी 4 मई के कारोबार में निफ्टी ने फिर से 18,200 अंक के स्तर को हासिल कर लिया।

अडानी समूह की बात करें तो हिंडनबर्ग ने उसके ऊपर गलत तरीके से अपने शेयरों के भाव को ऊपर चढ़ाने समेत कई गंभीर आरोप लगाया था। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी समूह के शेयरों की वैल्यू में 80 फीसदी तक की गिरावट आई थी। समूह की 10 लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप मिलाकर 12.06 लाख रुपए कम हुआ था। इसके चलते गौतम अडानी की नेटवर्थ 40 बिलियन डॉलर से भी कम हो गई थी और महज एक महीने में उन्हें 80 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा था।

अभी इतना डाउन है शेयर का भाव

कॉरपोरेट डेटाबेस एस इक्विटी के आंकड़े बताते हैं कि अडानी समूह की कंपनियों ने भले ही बाद में रिकवरी दिखाई हो लेकिन पूरी तरह से रिकवरी कोसों दूर है। एस इक्विटी के आंकड़ों के अनुसार, अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप अभी भी रिपोर्ट आने से पहले के स्तर यानी 24 जनवरी के स्तर की तुलना में 320 फीसदी तक गिरा हुआ है। इसका मतलब हुआ कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के असर को पूरी तरह से दूर करने के लिए अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों को 320 फीसदी तक की छलांग लगाने की दरकार है।

सबसे पीछे है अडानी टोटल गैस

गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद के आंकड़ों के हिसाब से अडानी समूह की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज को पुराना स्तर पाने के लिए 80 फीसदी चढ़ने की जरूरत है। वहीं अडानी टोटल गैस अभी सबसे ज्यादा 317.67 फीसदी गिरा हुआ है। अन्य शेयरों की बात करें तो अडानी ट्रांसमिशन को 172 फीसदी की तेजी के बाद पुराना स्तर हासिल हो सकेगा। अडानी ग्रीन, एनडीटीवी, अडानी विल्मर, एसीसी और अंबुजा सीमेंट को पुराना स्तर पाने के लिए 102 फीसदी तक की तेजी दिखानी होगी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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