शेयरों में गिरावट और फेड के इशारे से चमक जाएगा सोना
punjabkesari.in Monday, Oct 02, 2023 - 12:01 PM (IST)

नई दिल्लीः गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश काफी बढ़ गया है। पिछले साल सितंबर और दिसंबर में खत्म तिमाहियों में निवेश आने के बजाय इन फंडों से निकासी की गई थी। इस साल जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान भी ऐसा ही हुआ था। मगर जून तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में 298 करोड़ रुपए की शुद्ध आवक हुई। जुलाई में आंकड़ा बढ़कर 456 करोड़ रुपए हुआ और अगस्त में 1,028 करोड़ रुपए निवेश के साथ आंकड़ा पिछले 16 महीने में सबसे अधिक हो गया। इस साल अब तक 6.2 फीसदी का औसत रिटर्न देने वाले 14 गोल्ड ईटीएफ फिलहाल 24,423 करोड़ रुपए की परिसंपत्ति संभाल रहे हैं।
निवेश सुरक्षित
जब शेयर बाजार रोज नई ऊंचाई पर पहुंच रहा है तब निवेशक शेयर बाजार में मुनाफा कमाकर रकम सोने में लगा रहे हैं। कॉमट्रेंड्ज रिसर्च के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, ‘निवेश सलाहकारों का सुझाव है कि अगर निवेशक को शेयर बाजार से अच्छा रिटर्न मिला है तो वह अपनी आय का एक हिस्सा सोने में लगा सकते हैं। जब अनिश्चितता हावी होगी तब यह निवेश को सुरक्षित रखने का काम करेगा।’
अमेरिका में ब्याज दरें अपने चरम पर पहुंचती दिख रही हैं। हालांकि फेडरल रिजर्व ने दरें लंबे समय तक ऊंची बनी रहने का संकेत दिया है मगर सोने का बाजार कुछ और सोच रहा है। प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के मुख्य वित्तीय योजनाकार विशाल धवन कहते हैं, ‘सोने के बाजार में यह चिंता खत्म हो गई है कि लगातार ऊंची महंगाई के कारण ब्याज दरों में तेजी लंबे समय तक बरकरार रह सकती है।’
सोने की कीमतें अपने शीर्ष स्तर से 5-6 फीसदी नीचे जा चुकी हैं। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (अनुसंधान, कमोडिटी एवं मुद्रा) नवनीत दमानी कहते हैं कि गिरावट के कारण सोने के भाव नीचे आ गए हैं, जिससे इसमें लंबे समय के लिए निवेश के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है।’
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशक अब सोने धातु के रूप में यानी गहनों और ईंट आदि के रूप में खरीदने के बजाय ईटीएफ, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड आदि में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। दमानी का कहना है, ‘ईटीएफ जैसी योजनाओं में निवेश करना और निवेश समेटना दोनों आसान हैं। इसमें शुद्धता एवं रखरखाव की चिंता भी नहीं होती है और धातु रूप में सोना खरीदने पर लगने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भी बच जाता है।’