बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में मौतें आतंकवादी घटनाओं से भी अधिक

punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2017 - 12:12 AM (IST)

संयुक्त राष्ट्र द्वारा चिन्हित सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले देशों की सूची में भारत का स्थान सबसे ऊपर है और इसी कारण इसे विश्व में ‘सड़क दुर्घटनाओं की राजधानी’ भी कहा जाने लगा है। वर्ष 2014 की एक रिपोर्ट के अनुसार उस वर्ष भारत की सड़कों पर प्रतिदिन औसतन 382 मौतों के हिसाब से 1,39,671 लोगों ने जान गंवाई। यह संख्या आतंकवादी घटनाओं में होने वाली मौतों से कई गुना अधिक थी और आज भी इस स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। देश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रति वर्ष लगभग 9 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है और उसी अनुपात में इनमें मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। यहां पेश हैं मात्र 16 दिनों में हुई चंद बड़ी सड़क दुर्घटनाएं: 

04 जून को रांची से सिमडेगा जा रही एक यात्री बस के पेड़ से टकरा जाने से 4 यात्रियों की मृत्यु तथा 30 घायल। 09 जून को महाड के निकट गोवा हाइवे पर एक मिनी बस और कार की टक्कर में कार सवार मां-बेटे की मृत्यु। 10 जून को ओडिशा के जगत सिंह पुर में चंडोल छाक के पास ऑटोरिक्शा और भारी वाहन के बीच सीधी टक्कर में 8 श्रद्धालुओं की मौत। 11 जून को मथुरा के निकट कार के नहर में गिरने से बालाजी धाम दर्शनों को जा रहे एक ही परिवार के 9 सदस्यों समेत 10 लोग मारे गए। 

11 जून को ही महाराष्ट्र के बीड में मुम्बई से लातूर जा रही बस उलट जाने से उसमें सवार 9 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 12 अन्य घायल। 14 जून को गोबिंदघाट के निकट एक कार के बेकाबू होकर खाई में गिर जाने से बद्रीनाथ से लौट रहे रोहतक के एक परिवार के 3 सदस्य मारे गए। 15 जून को राजस्थान में जैसलमेर जिले के फतेहपुर इलाके में एक कार के सड़क के किनारे लगे पेड़ से टकरा जाने से 4 लोगों की मृत्यु। 15 जून को ही बनूड़ और तेपला में एक बाइक एवं कार के रिफ्लैक्टर और इंडीकेटर रहित खड़े ट्राले और ट्रक से टकरा जाने से 2 लोगों की मृत्यु। 15 जून को ही हिमाचल में देहरा के निकट ढलियारा में श्रद्धालुओं से भरी निजी बस खाई में गिरने से 10 श्रद्धालुओं की मृत्यु तथा 70 अन्य घायल। 

17 जून को करनाल के निकट ‘आवर्धन नहर’ में कार गिर जाने से कार चला रहे फैजान, उसकी गर्भवती पत्नी, बेटी और बेटे की मौत। 17 जून को अलवर के काठूवास के निकट डम्पर और कार की टक्कर में चिड़ावा निवासी एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मृत्यु। 17 जून को धरेढ़ी जट्टां में आवारा पशु को बचाने के चक्कर में कार बेकाबू होकर पलटने से सास-बहू की मृत्यु तथा परिवार के 3 सदस्य घायल। 17 जून देर रात को हनुमानगढ़-संगरिया हाइवे पर अबोहर के निकट कार-ट्रक के बीच सीधी टक्कर में 4 युवाओं की मृत्यु। 18 जून को मोगा-लुधियाना मार्ग पर कैंटर व ट्रैक्टर की टक्कर में ट्रैक्टर चालक धर्मवीर सिंह और उसके ससुर ज्ञान सिंह की मृत्यु। 

18 जून को ही श्रद्धालुओं को लेकर लौट रही गाड़ी गांव लोहगढ़ के निकट दुर्घटनाग्रस्त होने से एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मृत्यु। 18 जून को ही फिरोजपुर के निकट कार-ट्रक की टक्कर में बाप-बेटे सतनाम सिंह और गुरसाहब सिंह की मृत्यु। 18 जून को ही लोहियां में रूपेवाली के निकट ट्रक और मङ्क्षहद्रा जाइलो की टक्कर में 2 बच्चों सहित 4 लोगों की मृत्यु और 9 घायल। 18 जून को ही तरनतारन -पट्टïी रोड पर कैरों गांव के निकट मोटरसाइकिल और कार की टक्कर में एक ही परिवार के 3 सदस्यों की मृत्यु तथा 1 घायल। 18 जून को सिरसा के चाईया गांव के निकट तीन वाहनों की टक्कर में दुल्हन लेकर लौट रहे दूल्हे और उसके बहनोई सहित 4 लोगों की मृत्यु। 

19 जून को होशियारपुर के निकट बाइक-कार टक्कर में बाइक सवार युवक की मृृत्यु तथा फुगलाना गांव के अड्डïे पर बस की प्रतीक्षा कर रही सवारियों पर बेकाबू कार चढ़ जाने से 1 व्यक्ति की मृत्यु और 4 घायल। 19 जून को ही नवांशहर-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर गांव सजावलपुर के निकट बाइक व कार की टक्कर में मोटरसाइकिल सवार पति-पत्नी की मृत्यु। यहां चंद बड़ी घटनाएं ही दी गई हैं और छिटपुट घटनाएं इसमें शामिल नहीं। देश में सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 41 प्रतिशत मौतें गति सीमा से अधिक तेज वाहन चलाने तथा 32 प्रतिशत मौतें लापरवाहीपूर्ण और खतरनाक ढंग से शराब पीकर वाहन चलाने के परिणामस्वरूप ही होती हैं। 

मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने, रिफ्लैक्टर, लाइटें, हॉर्न इत्यादि ठीक न रखने, सीट बैल्ट व हैलमेट न लगाने आदि कारणों से भी सड़क दुर्घटनाओं में बड़ी संख्या में जानें जा रही हैं।—विजय कुमार 


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