तिहाड़ जेल जो ‘सुधार घर’ कहलाती थी बनती जा रही है ‘फाइट क्लब’

punjabkesari.in Sunday, Apr 28, 2024 - 03:37 AM (IST)

9 जेलों पर आधारित नई दिल्ली की ‘तिहाड़ जेल’ दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा जेल परिसर है। इसे मुख्यत: एक ‘सुधार घर’ के रूप में विकसित किया गया था, परंतु यहां लगातार होने वाली हिंसक घटनाओं के कारण अब यह ‘फाइट क्लब’ बनती जा रही है। यहां हिंसा की नवीनतम घटना 24 अप्रैल को सामने आई जब जेल नंबर-3 में 4 कैदियों के बीच शौचालय पहले जाने को लेकर शुरू हुआ झगड़ा वर्चस्व की लड़ाई में बदल गया और देखते ही देखते कैदियों ने जेल में निर्मित ‘सूओं’ सेएक-दूसरे पर हमला कर दिया जिससे वे चारों घायल हो गए।

जिस तिहाड़ जेल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बंद हैं, यह घटना उसकी बगल वाली जेल में हुई और यह अपनी तरह की अकेली घटना नहीं है, बल्कि अक्सर यहां बंद कैदियों के बीच ङ्क्षहसा की घटनाएं होती ही रहती हैं : 

  • कुछ समय पहले तिहाड़ की जेल नम्बर 1 में भी एक कैदी ने दूसरे कैदी पर चाकू से हमला कर दिया था, जिससे दोनों को गंभीर चोटें आईं। 
  • 14 अप्रैल, 2023 को गैंगस्टर पिं्रस तेवतिया को जेल में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों ने सुबह-सुबह हमला करके मार डाला था। 
  • 2 मई, 2023 को भी तिहाड़ जेल में बंद सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की सुबह सवा 6 बजे गोगी गिरोह के सदस्यों ने हत्या कर दी थी। 

तिहाड़ जेल परिसर में कैदियों की कुल क्षमता 10,000 है परंतु वहां रखे गए कैदियों की संख्या 20,000 से भी ऊपर है। यह जेल दिल्ली के अपराध जगत के दिग्गजों और बड़े-बड़े नेताओं का अस्थायी ठिकाना होने के कारण यहां सुरक्षा प्रबंध अत्यंत कड़े होने चाहिएं परंतु स्थिति इसके विपरीत ही दिखाई देती है।

अत: जेलों में बुनियादी ढांचे की त्रुटियां दूर करने, स्टाफ की जिम्मेदारी तय करने और कत्र्तव्य निर्वहन में ढील बरतने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध भी उचित कार्रवाई करने की तुरंत आवश्यकता है। -विजय कुमार


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