भारतीय रेलगाडिय़ों में ‘बढ़ रही गुंडागर्दी और हिंसा’

punjabkesari.in Friday, Apr 05, 2024 - 04:49 AM (IST)

भारतीय रेलों में अपराध कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ रहे हैं। ‘राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो’ के अनुसार 2020 में जी.आर.पी. में 29,746 मामले दर्ज हुए, वहीं 2021 में ये बढ़कर 41,816 और 2022 में 67,104 हो गए। इसके अलावा रेलवे प्रोटैक्शन फोर्स (आर.पी.एफ.) ने 2020 में पूरे देश में 2,54,636 मामले दर्ज किए, 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 4,24,027 हो गई और 2022 में आर.पी.एफ. ने कुल 7,17,328 मामले दर्ज किए। गुंडागर्दी बढ़ जाने से रेलगाडिय़ों में आम आदमी का यात्रा करना कठिन हो रहा है और इसमें असामाजिक तत्वों के अलावा रेलवे के कुछ कर्मचारी भी शामिल पाए जा रहे हैं, जिसके इसी वर्ष के चंद उदाहरण निम्न हैं : 

* 4 जनवरी, 2024 को बगहा (बिहार) के वाल्मीकि नगर में ‘कटिहार-अमृतसर एक्सप्रैस’ की रेलवे पैंट्री कार के मैनेजर तथा स्टाफ और स्थानीय वैंडर के बीच मारपीट के परिणामस्वरूप मैनेजर का सिर फट गया तथा 3 वैंडर घायल हो गए। बताया जाता है कि स्थानीय वैंडर ने ट्रेन में जबरदस्ती घुस कर मारपीट और खाने के सामान की लूटपाट की।
* 7 जनवरी को बक्सर (बिहार) रेलवे स्टेशन पर कुर्ला से पटना जा रही ‘कुर्ला एक्सप्रैस’ में एक दर्जन से अधिक हमलावरों ने पहले तो डिब्बे के अंदर ही एक यात्री को बुरी तरह पीटा और फिर ट्रेन के बक्सर स्टेशन पर रुकने पर उसे डिब्बे से बाहर खींच कर धारदार हथियार से हमला करके उसे गंभीर रूप से घायल करने के बाद फरार हो गए। 

* 14 जनवरी को केरल में कोट्टयम रेलवे स्टेशन के निकट ‘अमृता एक्सप्रैस’ में यात्रा कर रही एक युवती से छेड़छाड़ के आरोप में एक अधेड़ व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। 
* 15 जनवरी को नौकरी के लिए बुलंदशहर से गाजियाबाद जा रही एक युवती से ट्रेन में अश्लील हरकतें करने के आरोप में हितेश नामक युवक को गिरफ्तार किया गया। 
* 17 फरवरी को भोपाल से मुम्बई जा रहे शराब के नशे में धुत्त शेयर कम्पनी में मैनेजर शारदा तिवारी नामक व्यक्ति को एक युवती से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 
* 29 फरवरी को फरीदाबाद में एक महिला द्वारा जनरल टिकट पर ‘झेलम एक्सप्रैस’ के ए.सी. कोच में सवार होने पर टी.टी.ई. उस पर भड़क गया। पहले तो उसने महिला का सामान ट्रेन से बाहर फैंक दिया और फिर चलती ट्रेन में उसे डिब्बे से बाहर धक्का दे दिया। इससे वह ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच फंस कर गंभीर रूप से घायल हो गई। झांसी जा रही इस महिला ने टी.टी.ई. से जुर्माना लेने को भी कहा परंतु उसने महिला की बात ही नहीं सुनी। 

* 7 मार्च को नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश) जिले के इटारसी में 3 लोगों द्वारा ‘बनारस-उधना भोले नगरी एक्सप्रैस’ की पैंट्री कार के मैनेजर को बंधक बनाकर उससे मारपीट करने, उससे बाथरूम साफ करवाने और डेढ़ लाख रुपए से अधिक रकम लूटने का मामला सामने आया।  
* 1 अप्रैल को ‘स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रैस’ में कानपुर से दिल्ली जा रही एक महिला ‘पब्लिक प्रासीक्यूटर’ से एक लुटेरे ने उसका बैग छीन लिया जिसमें 15,000 रुपए, मोबाइल, आधारकार्ड, पैनकार्ड, ए.टी.एम. कार्ड, ड्राइविंग लाइसैंस, आई.डी. कार्ड, 4 हीरे की अंगूठियां, सोने की 2 चूडिय़ां और 2 कलाई घडिय़ां थीं।
* 2 अप्रैल को मुम्बई में एक उपनगरीय ट्रेन में दादर और अंधेरी के बीच एक 15 वर्षीय लड़की से छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया। घटना के दौरान लड़की के शोर मचाने के बाद आसपास मौजूद यात्रियों ने नूर मोहम्मद सगीर नामक आरोपी युवक की पिटाई कर दी। 

* 2 अप्रैल को ही त्रिशूर (केरल) जिले में बिना टिकट यात्रा कर रहे एक यात्री ने टी.टी.ई. द्वारा टिकट मांगने पर एर्नाकुलम और पटना स्टेशनों के बीच उसे चलती ट्रेन से धक्का देकर बाहर गिरा दिया जिसकी विपरीत दिशा से आने वाली ट्रेन से कट कर मौत हो गई। रेलगाडिय़ों में विभिन्न प्रकार की गुंडागर्दी की उक्त घटनाओं को देखते हुए यही कहा जा सकता है कि रेल मंत्रालय को रेलगाडिय़ों में सुरक्षा व्यवस्था को और चुस्त करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही अपराधों में संलिप्त पाए जाने वालों के विरुद्ध भी कठोरतम कदम उठाना समय की मांग है, ताकि रेल यात्री बिना किसी भय और खतरे के यात्रा कर सकें।—विजय कुमार 


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