ग्रहों ने बदले मिजाज: देश में होंगे कई जन आंदोलन, खर्चे बढ़ेंगे

punjabkesari.in Tuesday, Mar 20, 2018 - 07:51 AM (IST)

जालंधर (धवन): विक्रमी सम्वत्सर 2075 का 18 मार्च, रविवार को शुभारंभ हो गया है जिसमें राजा का पद सूर्य तथा मंत्री का पद शनि को मिला है, इसलिए अगला वर्ष महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की तरफ संकेत कर रहा है। दिल्ली की अंक शास्त्री व ज्योतिष विशेषज्ञ नंदिता पांडे ने कहा है कि राजा सूर्य व मंत्री शनि की आपस में एक-दूसरे से गहन शत्रुता को देखते हुए वर्ष भर विरोधों के स्वर सुनने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यद्यपि फाइनांस की स्थिति में बढ़ौतरी होगी तथा विश्व के कई देशों का झुकाव भारत की तरफ बढ़ेगा परन्तु घरेलू फ्रंट पर कई जन आंदोलन शुरू हो सकते हैं क्योंकि शनि जनता का कारक ग्रह है। 


उन्होंने कहा कि सूर्य-शनि की शत्रुता को देखते हुए विभिन्न समुदायों के बीच भी आपसी झगड़ों को बढ़ावा मिलेगा। सूर्य का स्वभाव उग्र है इसलिए जनता के विचार उग्र रूप धारण कर सकते हैं। सूर्य-शनि के विरोधाभास को देखते हुए राजनीतिक फ्रंट पर भी अनेकों प्रकार के उतार-चढ़ाव देखने को मिलेंगे। राजनीतिक दलों के अंदर भी टूट-फूट की घटनाएं बढ़ेंगी। राजनीतिक दल आक्रामक रुख अख्तियार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रमी सम्वत्सर का भारतीय संस्कृति में अहम स्थान रहा है क्योंकि इसी दिन ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन किया था तो दूसरी ओर भगवान विष्णु ने अपना पहला अवतार भी इसी दिन लिया था। उन्होंने कहा कि सूर्य अग्रि ग्रह है इसलिए दुर्घटनाओं में बढ़ौतरी होगी तथा उसमें मरने वाले लोगों की गिनती बढ़ेगी। मंत्री शनि के कारण सरकार भी जनता के आगे झुकती हुई दिखाई देगी तथा जनता से जुड़े कई अहम फैसले सरकारों द्वारा लिए जाएंगे। 


उन्होंने कहा कि नव सम्वत्सर वर्ष में शुक्र की स्थिति को देखते हुए देश में लग्जरी आइटमों पर खर्चे बढ़ेंगे। दूसरी तरफ सीमाओं पर तनावपूर्ण स्थिति बढ़ेगी तथा सरकार सशस्त्र सेनाओं को नए हथियार व उपकरण उपलब्ध करवाएगी। सूर्य व शनि की स्थिति के कारण सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम राजनीतिक फ्रंट पर देखने को मिल सकते हैं। 


उन्होंने कहा कि यह वर्ष महत्वपूर्ण घटनाक्रमों की तरफ संकेत दे रहा है। जनता अपने हितों को लेकर अधिक जागरूक दिखाई देगी। 


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