तोमर बृहस्पतिवार को पूसा परिसर में तीन दिन के कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन करेंगे
punjabkesari.in Wednesday, Mar 01, 2023 - 08:29 PM (IST)

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बृहस्पतिवार को यहां पूसा-आईएआरआई परिसर में तीन दिन के कृषि विज्ञान मेले का उद्घाटन करेंगे।
चूंकि देश ''अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष'' मना रहा है, सरकारी शोध निकाय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित किए जा रहे वार्षिक मेले ‘पूसा कृषि विज्ञान मेला’ का विषय ‘‘मोटे अनाज के माध्यम से पोषण, भोजन और पर्यावरण सुरक्षा’’ रखा गया है।
मेले में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी मौजूद रहेंगे।
आईएआरआई के निदेशक ए के सिंह ने मीडिया को बताया, ‘‘मोटे अनाज में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और खाद्य प्रणालियों को जलवायु अनुकूल बनाने की अपार क्षमता है। उन्हें कम पानी और उच्च तापमान में उगाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ प्रकार के मोटे अनाज को मान्यता दी है और उन्हें ‘‘श्रीअन्न’’ का नाम दिया है और देशभर में इसके उत्पादन और मांग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है।
इस आयोजन में पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों किसानों और कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला के अन्य अंशधारकों के भाग लेने की उम्मीद है।
लगभग 36 आईएआरआई-अभिनव किसान, पांच आईएआरआई-साथी किसान और एक किसान को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ के लिए इस कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
मेले का मुख्य आकर्षण ‘धान की एआईआरआई किस्मों के बीजों की बिक्री’ रहेगा। किसान अक्सर अपने कंधों या सिर पर बीज ढोते थे। इस बार खरीदे गए बीजों को मेला ग्राउंड से आईएआरआई गेट तक नि:शुल्क ले जाने में किसानों की मदद के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
मेले में नई फसल किस्मों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। उदाहरण के लिए कवकनाशी सहिष्णु चावल की किस्में जैसे पूसा बासमती 1979 और पूसा बासमती 1985, लीफ स्टेम और स्ट्राइप रस्ट प्रतिरोधी गेहूं की किस्में एचडी 3406 और एचडी3407, जैव-पोषण संवर्धित मोती मोटा अनाज और नरम बीज वाली अमरूद की किस्में किसानों के लिए प्रदर्शित की जाएंगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
चूंकि देश ''अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष'' मना रहा है, सरकारी शोध निकाय भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित किए जा रहे वार्षिक मेले ‘पूसा कृषि विज्ञान मेला’ का विषय ‘‘मोटे अनाज के माध्यम से पोषण, भोजन और पर्यावरण सुरक्षा’’ रखा गया है।
मेले में कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे के साथ-साथ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक हिमांशु पाठक भी मौजूद रहेंगे।
आईएआरआई के निदेशक ए के सिंह ने मीडिया को बताया, ‘‘मोटे अनाज में पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने और खाद्य प्रणालियों को जलवायु अनुकूल बनाने की अपार क्षमता है। उन्हें कम पानी और उच्च तापमान में उगाया जा सकता है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ प्रकार के मोटे अनाज को मान्यता दी है और उन्हें ‘‘श्रीअन्न’’ का नाम दिया है और देशभर में इसके उत्पादन और मांग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है।
इस आयोजन में पड़ोसी राज्यों के सैकड़ों किसानों और कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला के अन्य अंशधारकों के भाग लेने की उम्मीद है।
लगभग 36 आईएआरआई-अभिनव किसान, पांच आईएआरआई-साथी किसान और एक किसान को ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ के लिए इस कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।
मेले का मुख्य आकर्षण ‘धान की एआईआरआई किस्मों के बीजों की बिक्री’ रहेगा। किसान अक्सर अपने कंधों या सिर पर बीज ढोते थे। इस बार खरीदे गए बीजों को मेला ग्राउंड से आईएआरआई गेट तक नि:शुल्क ले जाने में किसानों की मदद के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
मेले में नई फसल किस्मों और प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया जाएगा। उदाहरण के लिए कवकनाशी सहिष्णु चावल की किस्में जैसे पूसा बासमती 1979 और पूसा बासमती 1985, लीफ स्टेम और स्ट्राइप रस्ट प्रतिरोधी गेहूं की किस्में एचडी 3406 और एचडी3407, जैव-पोषण संवर्धित मोती मोटा अनाज और नरम बीज वाली अमरूद की किस्में किसानों के लिए प्रदर्शित की जाएंगी।
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