60 डॉलर से नीचे आया Crude Oil, गिरावट के पीछे तीन बड़े कारण, भारत को क्या होगा फायदा?
punjabkesari.in Thursday, May 01, 2025 - 02:45 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल में कच्चा तेल 16% टूटकर करीब 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गया, जो बीते चार वर्षों का सबसे निचला स्तर है। यह गिरावट 2021 के बाद सबसे बड़ी मासिक गिरावट मानी जा रही है।
गिरावट के पीछे तीन बड़े कारण
OPEC+ देशों की रणनीति में बदलाव
दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक समूह OPEC+ ने संकेत दिए हैं कि वे अब उत्पादन कटौती के बजाय बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आपूर्ति बढ़ा सकते हैं। सऊदी अरब जैसे बड़े निर्यातक देशों ने भी अब बाजार सपोर्ट करने के लिए कटौती जारी रखने का समर्थन नहीं किया है।
अमेरिका में मंदी की आशंका
अमेरिका की GDP पहली तिमाही में उम्मीद से अधिक सिकुड़ गई है और उपभोक्ता विश्वास भी 5 साल के निचले स्तर पर है। इससे वैश्विक मांग घटने की आशंका बनी हुई है।
अतिरिक्त आपूर्ति का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक, मई से कम से कम आठ OPEC+ देश उत्पादन बढ़ा सकते हैं। समूह की अगली बैठक 5 मई को है, जिसमें और भी देश इस रुख में शामिल हो सकते हैं।
भारत को क्या फायदा?
भारत जैसे कच्चा तेल आयात करने वाले देशों के लिए यह राहत की खबर है।
- पेट्रोल-डीजल और ट्रांसपोर्ट की लागत घट सकती है, जिससे महंगाई पर काबू पाया जा सकता है।
- HDFC बैंक की अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में हर $10 की गिरावट से भारत का चालू खाता घाटा 30 बेसिस पॉइंट तक घट सकता है।
- आयात लागत कम होने से विदेशी मुद्रा भंडार पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है।
क्या आगे और गिरेगा तेल?
गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि यदि वैश्विक मांग में और कमजोरी आई, तो ब्रेंट क्रूड 40 डॉलर प्रति बैरल से नीचे भी जा सकता है। फिलहाल बाजार अनुमान लगा रहा है कि तेल की कीमतें अगले कुछ महीनों में 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बनी रह सकती हैं।