सावन में क्यों नहीं खाने चाहिए दूध-दही और बैंगन? जानिए धार्मिक मान्यता और वैज्ञानिक कारण

punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 11:13 AM (IST)

नेशनल डेस्क: 11 जुलाई 2025 से सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। यह समय शिव भक्ति, उपवास और संयम का माना जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस महीने में दूध, दही, बैंगन और पत्तेदार सब्जियों को खाने से क्यों मना किया जाता है?अक्सर लोग इस परंपरा को केवल धार्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी छिपे हुए हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर इन फूड्स को सावन में खाने से क्यों परहेज करना चाहिए।

सावन में दूध-दही से क्यों किया जाता है परहेज?

सावन में दूध और दही जैसी डेयरी प्रोडक्ट्स को खाने से मना किया जाता है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं — धार्मिक और वैज्ञानिक।

वैज्ञानिक कारण:

  • सावन का मौसम यानी बरसात का समय, जब वातावरण में नमी और बैक्टीरिया की मात्रा अधिक होती है।

  • ऐसे मौसम में दूध और दही जल्दी खट्टे हो सकते हैं और इनसे गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

  • पाचन शक्ति कमजोर रहती है इसलिए भारी चीजें नुकसान पहुंचा सकती हैं।

  • जानवर जिन चारे या घास को खाते हैं उसमें भी कीटाणु हो सकते हैं, जिससे दूध की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।

धार्मिक कारण:

  • सावन शिव जी को समर्पित होता है और इस दौरान शुद्ध और सात्विक भोजन का महत्व बढ़ जाता है।

  • दूध शिव को अर्पित करने वाली वस्तु मानी जाती है और उसे पूजा तक ही सीमित रखने की मान्यता है।

बैंगन और पत्तेदार सब्जियां भी क्यों हैं वर्जित?

सावन में बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियों को भी खाने से मना किया जाता है। यह केवल मान्यता नहीं बल्कि स्वास्थ्य से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पहलू भी है।

बैंगन क्यों न खाएं?

  • बैंगन को "तामसी" भोजन माना गया है, यानी ऐसा भोजन जो आलस्य और शरीर में भारीपन लाता है।

  • यह सब्जी भारी और गरिष्ठ होती है जिसे बरसात में पचाना कठिन हो जाता है।

  • बैंगन में बारिश के दौरान कीटाणु और कीड़े छिपे हो सकते हैं, जो पकाने पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते।

पत्तेदार सब्जियों से क्यों करें परहेज?

  • इस मौसम में हरी सब्जियों पर फंगल इंफेक्शन और कीड़े लग जाते हैं।

  • धोने के बाद भी इनमें मौजूद जीवाणु पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

  • कई बार सब्जियों में पेस्टिसाइड्स और बारिश का गंदा पानी भी लगा होता है जो शरीर के लिए हानिकारक है।

कढ़ी और रायता क्यों नहीं खाने चाहिए?

कई लोग बरसात के दिनों में कढ़ी या रायता खाना पसंद करते हैं, लेकिन सावन में इनसे भी बचने की सलाह दी जाती है।

कारण:

  • दही से बनी चीजें इस मौसम में पेट में एसिड और गैस पैदा कर सकती हैं।

  • दही की ठंडक और मौसम की नमी मिलकर पाचन क्रिया को धीमा कर देती हैं।

  • कढ़ी में दही और बेसन दोनों होते हैं जो बरसात में भारी पड़ सकते हैं।

सावन में क्या खाएं और क्या नहीं?

खाने योग्य चीजें परहेज करने योग्य चीजें
हल्का और सात्विक भोजन दूध और दही
फल और ड्राई फ्रूट्स बैंगन
उबली सब्जियां पत्तेदार साग
ताजे फल जैसे सेब, अनार रायता और कढ़ी
नींबू पानी, नारियल पानी हैवी डेयरी प्रोडक्ट्स

सावन में संयम और स्वास्थ्य दोनों जरूरी

सावन सिर्फ धार्मिक आस्था का समय नहीं है बल्कि यह मौसम संक्रमणों और बीमारियों का भी होता है। ऐसे में खानपान में थोड़ी सी सावधानी आपको बीमार होने से बचा सकती है। दूध, दही, बैंगन और हरी सब्जियां चाहे स्वादिष्ट हों लेकिन इस मौसम में यह शरीर के लिए नुकसानदेह बन सकती हैं। अगर आप सावन में उपवास करते हैं तो अपने भोजन को हल्का, सुपाच्य और पौष्टिक रखें। धार्मिक नियमों के साथ-साथ अगर वैज्ञानिक कारणों को भी अपनाएं तो आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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