Virus: क्या अगली महामारी ने दे दी दस्तक? 425 से ज्यादा लोग..., इस राज्य में फैला जानलेवा वायरस, जानिए लक्षण व बचाव
punjabkesari.in Monday, Jul 07, 2025 - 03:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल में एक बार फिर स्वास्थ्य व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है। निपाह वायरस ने इस बार तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया है और मलप्पुरम, पलक्कड़, कोझिकोड जैसे जिलों में 425 से ज्यादा लोगों को निगरानी में रखा गया है। कोरोना महामारी के बाद लोगों के बीच वायरस को लेकर जागरूकता बढ़ी है, लेकिन निपाह वायरस अपनी गंभीरता और तेजी से फैलने की क्षमता के कारण और भी अधिक चिंता का विषय बन गया है। जानिए निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं और कैसे इस खतरनाक संक्रमण से बचाव किया जा सकता है ताकि आप और आपके परिवार सुरक्षित रह सकें।
निपाह वायरस क्या है?
निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है, यानी यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है। मुख्य रूप से यह फल खाने वाले चमगादड़ों से इंसान में फैलता है। जब चमगादड़ किसी फल को खाता है या उसके थूक से फल संक्रमित हो जाता है और इंसान वह फल खा लेता है तो संक्रमण फैल सकता है। यह वायरस इंसान के मस्तिष्क और श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और सांस लेने में दिक्कत, तेज बुखार, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क की सूजन जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
निपाह वायरस के प्रमुख लक्षण क्या हैं?
निपाह वायरस के लक्षण कई बार सामान्य फ्लू जैसी स्थिति से शुरू होते हैं, लेकिन जल्द ही स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रमुख लक्षण हैं:
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तेज बुखार
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सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द
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शरीर में थकान और कमजोरी
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सांस लेने में कठिनाई
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उल्टी या जी मिचलाना
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मानसिक भ्रम या बेहोशी
यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है क्योंकि यह वायरस तेजी से मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता है।
निपाह वायरस कैसे फैलता है?
निपाह वायरस मुख्य रूप से इन तरीकों से फैलता है:
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संक्रमित चमगादड़ों द्वारा खाए गए फलों या उनके थूक से संक्रमित फल या वस्तु को छूने या खाने से
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संक्रमित इंसानों के सीधे संपर्क में आने से
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संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से
इसलिए संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों से दूरी बनाए रखना और साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
केरल में निपाह वायरस का वर्तमान हाल
मलप्पुरम, पलक्कड़ और कोझिकोड जिलों में अब तक 425 से ज्यादा लोगों को निगरानी में रखा गया है। इनमें मलप्पुरम में 228, पलक्कड़ में 110 और कोझिकोड में 87 लोग शामिल हैं। संक्रमित मरीजों को अलग-थलग (आइसोलेशन) किया गया है और उनकी जांच की जा रही है। राज्य सरकार ने मेडिकल टीमों को संक्रमण वाले क्षेत्रों में तैनात कर दिया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि कोई भी लक्षण दिखते ही तुरंत इलाज करवाएं।
निपाह वायरस से बचाव के आसान और जरूरी उपाय
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साफ-सुथरे फल ही खाएं
गिरते हुए फलों को या ऐसे फलों को न खाएं जिन पर चमगादड़ों के निशान हों। फल खाने से पहले अच्छी तरह धो लें। -
बीमार व्यक्तियों से दूरी बनाएं
संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से बचें और मास्क पहनें। -
हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें
साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें। -
जानवरों से दूरी बनाएं
खासकर खेतों में चमगादड़ों और अन्य जानवरों के संपर्क में आने से बचें। -
लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें
अगर तेज बुखार, सांस की दिक्कत या सिरदर्द हो तो जल्द से जल्द मेडिकल सलाह लें। -
सरकारी गाइडलाइंस का पालन करें
सरकार द्वारा जारी निर्देशों को गंभीरता से लें और मेडिकल टीमों को सहयोग करें।
निपाह वायरस से जुड़ी सावधानियां क्यों जरूरी हैं?
कोरोना महामारी के बाद जब स्वास्थ्य व्यवस्था थोड़ी संभली भी थी, निपाह वायरस जैसी खतरनाक बीमारी का फैलाव चिंता का विषय है। इसका संक्रमण तेज और जानलेवा हो सकता है। सही समय पर बचाव और सतर्कता ही इसे फैलने से रोक सकती है। इसलिए हर व्यक्ति को जागरूक रहना और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है।