Heart Attack: कोरोना के बाद क्यों बढ़े हार्ट अटैक के मामले? स्टडी में सामने आईं चौंकाने वाली बातें
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 11:31 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कोरोना महामारी ने न सिर्फ फेफड़ों और इम्यून सिस्टम पर असर डाला बल्कि इसके बाद से एक और गंभीर समस्या सामने आई है — हार्ट अटैक के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी। खास बात यह है कि यह समस्या अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही बल्कि 20 से 45 साल तक के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। कई राज्यों से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां बिल्कुल स्वस्थ नजर आने वाले लोग अचानक हार्ट अटैक का शिकार हुए और जान गंवा बैठे।
कर्नाटक में बढ़े मामले, सीएम ने उठाए सवाल
कर्नाटक के हासन जिले में हाल ही के 40 दिनों में 20 से ज्यादा लोग हार्ट अटैक से जान गंवा चुके हैं। जिले के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो वर्षों में यहां 507 हार्ट अटैक के केस दर्ज किए गए जिनमें से 190 लोगों की मौत हो गई। इन मामलों में सबसे चिंताजनक बात यह है कि इनमें अधिकांश लोग युवा थे। इन घटनाओं के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कोविड वैक्सीन की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि हो सकता है कि वैक्सीन हार्ट अटैक का कारण हो। इस बयान के बाद एक बड़ी स्टडी सामने आई है जिससे कई अहम तथ्य उजागर हुए हैं।
स्टडी में क्या आया सामने?
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने इस विषय पर एक व्यापक स्टडी की। यह अध्ययन मई से अगस्त 2023 के बीच देश के 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया। इसमें उन लोगों की जांच की गई जो पहले पूरी तरह स्वस्थ थे लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक उनकी मौत हो गई। इस स्टडी में यह साफ कहा गया है कि कोविड के बाद अचानक होने वाली मौतों और हार्ट अटैक की घटनाओं में वृद्धि जरूर हुई है लेकिन इसका सीधा संबंध कोविड वैक्सीन से नहीं है। यानी वैक्सीन को इन मौतों का दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
हार्ट अटैक के बढ़ने के पीछे क्या कारण हैं?
स्टडी में यह भी बताया गया है कि कोविड के बाद हार्ट अटैक के मामलों में बढ़ोतरी के पीछे कई और कारण हो सकते हैं:
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अनहेल्दी लाइफस्टाइल – जंक फूड, धूम्रपान, शराब और शारीरिक गतिविधि की कमी
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मानसिक तनाव और एंग्जायटी – कोविड के बाद लोगों में मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं बढ़ी हैं
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पहले से मौजूद बीमारियां – जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर
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जेनेटिक फैक्टर – कुछ लोगों में आनुवांशिक कारणों से भी दिल की बीमारियां हो सकती हैं
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कोविड का पोस्ट-इंफेक्शन असर – संक्रमण के बाद शरीर में बनी सूजन (Inflammation) और ब्लड क्लॉटिंग की आशंका
युवाओं में क्यों बढ़ रही है यह समस्या?
पहले हार्ट अटैक को बुजुर्गों की बीमारी माना जाता था लेकिन अब युवाओं में भी इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कारण स्पष्ट हैं — बढ़ता तनाव, देर तक काम करना, नींद की कमी, फिजिकल एक्टिविटी का अभाव और खराब खान-पान।
वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों पर लगाम जरूरी
कई लोगों ने सोशल मीडिया और बयानों के आधार पर कोविड वैक्सीन को हार्ट अटैक का कारण मान लिया है। जबकि वैज्ञानिक रिसर्च और स्टडी इस बात को नकारती हैं। ऐसी भ्रांतियों से न सिर्फ गलत संदेश फैलता है बल्कि वैक्सीनेशन जैसे जरूरी कदम को लेकर लोगों में डर पैदा होता है। विशेषज्ञों की मानें तो वैक्सीन ने कोरोना के गंभीर प्रभावों से लाखों जानें बचाईं, ना कि नुकसान पहुंचाया।
क्या करना चाहिए आम लोगों को?
अगर आप या आपके परिवार में कोई कोविड से संक्रमित हो चुका है और अब हार्ट या सांस से जुड़ी दिक्कतें महसूस करता है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर हार्ट अटैक की आशंका को कम किया जा सकता है:
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रोजाना हल्का व्यायाम या वॉक करें
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ताजे फल-सब्जियां और हेल्दी डाइट लें
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तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें
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समय पर जांच करवाएं
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जंक फूड और तंबाकू उत्पादों से दूरी बनाएं