UPI सर्विस में गड़बड़ी हुई तो सरकार ने उठाया बड़ा कदम, वित्त मंत्री ने दिए सुधार के कड़े आदेश

punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 11:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क: हाल के दिनों में UPI के माध्यम से भुगतान में लगातार आ रही दिक्कतों को गंभीरता से लेते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य UPI के बुनियादी ढांचे में तत्काल सुधार लाना और भविष्य में इस तरह की बाधाओं को रोकना है।

वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंथन

बैठक में वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के अलावा, RBI और National Payments Corporation of India(NPCI) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। मंत्रालय के अनुसार, इस गहन चर्चा में UPI Ecosystem के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की गई और इसकी भविष्य की विकास योजनाओं पर भी व्यापक विचार-विमर्श हुआ।

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एक महीने में तीन बार आई बाधा-

यह उल्लेखनीय है कि पिछले लगभग एक महीने की अवधि में देश भर में UPI सेवाएं तीन अलग-अलग मौकों पर बाधित हुई हैं। बार-बार आ रही इन बाधाओं के कारण, बड़ी संख्या में ऐसे लोग परेशान हुए जो अपनी दैनिक जरूरतों के लिए यूपीआई पर निर्भर हैं।

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी-

इस महत्वपूर्ण बैठक में वित्त सचिव अजय सेठ, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागाराजू, आरबीआई के कार्यकारी निदेशक विवेक दीप और एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दिलीप अस्बे जैसे प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।

खामियों को दूर कर बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने का आह्वान-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैठक में मौजूद सभी हितधारकों से सक्रिय रूप से मिलकर काम करने का आग्रह किया ताकि यूपीआई सिस्टम में मौजूद ढांचागत कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जा सके। उन्होंने उपयोगकर्ताओं को एक सहज और बेहतर अनुभव प्रदान करने और साइबर सुरक्षा ढांचे को और मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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एनपीसीआई को मजबूती बढ़ाने और भविष्य में बाधाएं रोकने के निर्देश

वित्त मंत्री ने विशेष रूप से एनपीसीआई के अधिकारियों को यूपीआई तंत्र की समग्र मजबूती को बढ़ाने और भविष्य में इस तरह की तकनीकी बाधाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए ठोस और निवारक उपाय करने के स्पष्ट निर्देश दिए।

बुनियादी ढांचे, विस्तार और निगरानी में सुधार पर जोर

मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, बैठक में यूपीआई के बुनियादी ढांचे की मजबूती, इसके व्यापक विस्तार और रियल-टाइम निगरानी प्रणाली में सुधार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उपयोगकर्ताओं को निर्बाध सेवाएं मिलती रहें और यूपीआई पर उनका विश्वास और मजबूत हो। यह ध्यान देने योग्य है कि देश में यूपीआई का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 से लेकर 2024-25 तक के पांच वर्षों में इसकी औसत वार्षिक विकास दर प्रभावशाली रूप से 72 प्रतिशत रही है।

45 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता और लगातार बढ़ता नेटवर्क

एनपीसीआई के अधिकारियों ने वित्त मंत्री को यूपीआई के बढ़ते उपयोगकर्ता आधार और व्यापारी नेटवर्क के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 के बीच यूपीआई प्लेटफॉर्म पर 26 करोड़ नए उपयोगकर्ता जुड़े हैं, और इसी अवधि में 5.5 करोड़ नए व्यापारियों ने भी इसे अपनाया है। वर्तमान में, लगभग 45 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता नियमित रूप से यूपीआई का उपयोग कर रहे हैं।

लेन-देन मूल्य और संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि

पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में, जो 31 मार्च को समाप्त हुआ, यूपीआई के माध्यम से किए गए लेनदेन का कुल मूल्य 30 प्रतिशत बढ़कर 261 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसी अवधि में, लेनदेन की कुल संख्या में भी 42 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई, जो 18,586 करोड़ तक पहुंच गई।

अधिकारियों को दिया भविष्य का विजन, प्रतिदिन एक बिलियन लेनदेन का लक्ष्य

वित्त मंत्री ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को अगले दो से तीन वर्षों में प्रतिदिन एक बिलियन लेनदेन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही, उन्होंने इंटरऑपरेबल फ्रेमवर्क के विकास और वैश्विक स्तर पर भुगतान स्वीकार्यता को बढ़ाकर यूपीआई के अंतर्राष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया को तेज करने पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं और व्यापारियों की संख्या में लगातार वृद्धि करने के लिए ठोस प्रयास करें, ताकि इसकी पहुंच और प्रभाव को और अधिक व्यापक बनाया जा सके।

 


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News Editor

Radhika

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