विराट कोहली ने संन्यास के बाद पकड़ी आध्यात्म की राह: पत्नी अनुष्का संग प्रेमानंद महाराज से मिले
punjabkesari.in Tuesday, May 13, 2025 - 11:23 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के सबसे प्रतिष्ठित क्रिकेटरों में से एक, विराट कोहली ने जब सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की, तो क्रिकेट प्रेमियों की आंखें नम हो गईं। मैदान में आक्रामकता और जुनून की मिसाल बनने वाले कोहली ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के एक और अध्याय को विराम देने के बाद, जीवन के एक शांत और आध्यात्मिक पड़ाव की ओर रुख किया।
संन्यास के ठीक अगले दिन मंगलवार की सुबह, विराट अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन पहुंचे, जहां उन्होंने केली कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। यह उनकी तीसरी मुलाकात थी महाराज जी से – इससे पहले वे 4 जनवरी 2023 और 10 जनवरी 2025 को भी उनका आशीर्वाद ले चुके हैं।
#WATCH | #ViratKohli and Anushka Sharma arrive at Uttar Pradesh's Vrindavan pic.twitter.com/u6rI5EGLMn
— ANI (@ANI) May 13, 2025
क्रिकेट के बाद आध्यात्म
विराट कोहली के जीवन में आध्यात्मिकता का यह रुझान नया नहीं है। वे कई बार योग, ध्यान और साधना के महत्व की बात कर चुके हैं। आश्रम से जुड़ी पिछली मुलाकातों के बाद, उनके खेल में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी कोहली ने न केवल संन्यास की शांति, बल्कि जीवन के अगले अध्याय के लिए मानसिक ऊर्जा और मार्गदर्शन पाने के उद्देश्य से इस यात्रा को चुना।
123 टेस्ट, 30 शतक – एक सुनहरा सफर
36 वर्षीय विराट कोहली ने अपने करियर में 123 टेस्ट मैचों में 30 शतक लगाते हुए 9230 रन बनाए। औसतन 46.85 की बेहतरीन बल्लेबाज़ी ने उन्हें भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के शीर्ष टेस्ट बल्लेबाज़ों की कतार में खड़ा किया। कप्तान के रूप में उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में 40 जीत दर्ज की – जो किसी भी भारतीय कप्तान के लिए सबसे ज़्यादा है।
“मैंने इसे अपना सब कुछ दिया” – कोहली
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में विराट ने कहा, "यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन सही लगता है। मैंने टेस्ट क्रिकेट को अपना सब कुछ दिया है, और इसने मुझे उससे कहीं ज्यादा लौटाया है।" उन्होंने हर उस व्यक्ति को धन्यवाद कहा जिसने उन्हें मैदान पर खेलते देखा और उनका साथ दिया।
दिग्गजों का युग समाप्ति की ओर
कोहली का संन्यास ऐसे समय पर आया है जब भारत के अन्य वरिष्ठ खिलाड़ी भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके हैं। हाल ही में रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन ने भी इस प्रारूप से संन्यास लिया है। यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रहा है, जहां युवा खिलाड़ियों की अगुवाई में टीम नई दिशा में आगे बढ़ेगी।