भारत मंडपम् के एंट्रेस पर लगी दुनिया की सबसे बड़ी 'नटराज' की मूर्ति, जानें क्या है इसकी विशेषता
punjabkesari.in Tuesday, Sep 05, 2023 - 10:32 PM (IST)

नेशनल डेस्कः G20 शिखर सम्मलेन की मेजबानी करने के लिए दिल्ली पूरी तरह तैयार है। विदेशी मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी न रहे, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। G20 समिट का आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम् में आयोजित होगा। भारत मंडपम् के मुख्य गेट पर अष्टधातु से बनी दुनिया की सबसे बड़ी नटराज की मूर्ति लगाई गई है। यह मूर्ति 28 फुट ऊंची है। इसका वजह करीब 20 टन बताया जा रहा है। मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीत से बनाया गया है।
नटराज मूर्ति भगवान शिव के प्रतिनिधित्व के रूप में जाना जाता है। नटराज अत्यधिक कलात्मक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखी है। इस मूर्ति में भगवान शिव के तांडव नृत्य को प्रस्तुतकिया गया है, जो ऊर्जा और शक्ति का संचार है। नटराज की मूर्ति स्वामीमलाई के पारंपरिक स्थापतियों द्वारा शिल्प शास्त्र में उल्लिखित सिद्धांतों और मापों का पालन करते हुए पारंपरिक खोई हुई मोम ढलाई प्रक्रिया में बनाई गई है, जो चोल काल, यानी 9वीं शताब्दी ईस्वी के बाद से नटराज के निर्माण में चली आ रही है। मूर्ति को बनाने में आठ धातुओं तांबा, जस्ता,सीसा,चांदी, सोना, पारा और लोहे का इस्तेमाल किया गया है।
सूत्रों ने एएनआई को बताया, “G20 अध्यक्षता के समय भारत मंडपम के सामने स्थापित नृत्य के देवता शिव नटराज की 27 फीट ऊंची प्रतिमा, अब तक की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है। यह ब्रह्मांडीय नृत्य उप परमाणु में भी व्याप्त सर्वव्यापी अनंत का प्रतीक है। भगवान का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है। आनंद कुमारस्वामी की पुस्तक 'डांस ऑफ शिव' ने परमाणु भौतिकी की दुनिया में विचार की लहर पैदा कर दी।'' सूत्रों ने आगे बताया कि यह मूर्ति तमिलनाडु में सात महीने के रिकॉर्ड समय में बनाई गई थी।
भारत 9-10 सितंबर तक नई दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है। G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए विश्व नेता नई दिल्ली पहुंचेंगे। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल 1 दिसंबर को G20 की अध्यक्षता संभाली थी और देश भर के 60 शहरों में G20 से संबंधित लगभग 200 बैठकें आयोजित की गईं थीं। शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान के अत्याधुनिक भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।