एयरपोर्ट बिजनेस में Tata  GIC और SSG कैपिटल ने रखा कदम, GMR के एयरपोर्ट यूनिट में खरीदी 45% हिस्सेदारी

punjabkesari.in Thursday, Mar 28, 2019 - 12:40 AM (IST)

मुंबई / नई दिल्ली: प्रमुख उद्योग समूह टाटा ने सिंगापुर के सरकारी संपत्ति कोष जीआईसी और एक अन्य कोष एसएसजी कैपिटल मैनेजमेंट के साथ मिलकर जीएमआर की एयरपोर्ट कारोबार इकाई में 8,000 करोड़ रुपए में करीब 45 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। जीएमआर इंफ्रास्ट्रक्चर ने बुधवार को यह जानकारी दी। जीएमआर एयरपोर्ट के लिए यह सौदा कुल मिलाकर 17,700 करोड़ रुपए से अधिक का होगा। सौदा पूरा होने के बाद समूह की अग्रणी कंपनी जीएमआर इंफ्रा और उसकी अनुषंगियों के पास हवाईअड्डा इकाई में करीब 54 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि नए निवेशकों के समूह के पास करीब 45 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। शेष हिस्सेदारी कर्मचारी कल्याण ट्रस्ट के पास है। 

इसमें 3,520 करोड़ रुपए के निवेश से आटा समूह 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगा। वहीं जीआईसी 2,640 करोड़ रुपए का निवेश करेगा और उसे जीएमआर एयरपोर्ट में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलेगी। सिंगापुर के ही एक अन्य कोष एसएसर्जी नए निवेशकों के समूह में से 1,760 करोड़ रुपए का निवेश करेगा और उसे कंपनी में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल होगी। जीएमआर समूह ने मुंबई में बुधवार को यह जानकारी दी। जीएमआर समूह नई दिल्ली में देश के सबसे बड़े हवाईअड्डे का संचालन करता है। दिल्ली हवाईअड्डे की सालाना क्षमता सात करोड़ यात्रियों की है। समूह के पास हैदराबाद हवाईअड्डे का भी संचालन है जिसकी क्षमता 2.20 करोड़ यात्रियों की है। इसके अलावा फिलिपींस के मेक्तान- सेबू में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी और यूनान के क्रेटे हवाईअड्डे में भी उसकी 22 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

यहां यह उल्लेखनीय है कि टाटा समूह पहले से ही पूर्ण सेवा वाली विस्तार एयरलाइन को चला रहा है। इसमें सिंगापुर एयरलाइंस उसकी भागीदार है। इसके अलावा सस्ती एयरलाइन एयर एशिया में भी उसकी भागीदारी है। ऐसे में हवाईअड्डा कारोबार में उसका प्रवेश करना इस लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है जब अदाणी समूह को देश में छह हवाईअड्डों के संचालन का ठेका मिला है। अब तक इन हवाईअड्डों को सरकार द्वारा चलाया जा रहा था। जीएमआर इंफ्रा में कार्यकारी निदेशक वित्त एवं रणनीति सौरभ चावला ने कहा कि इस सौदे के जरिए जीएमआर इंफ्रा की निजी इक्विटी निवेशकों को बाहर निकलने का रास्ता देने की भी मंशा है। इन निवेशकों के पास 5.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस सौदे से मिलने वाली राशि से समूह अपने 20,000 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान करेगा। 


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shukdev

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