Surgical Strike: भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा दिन, जब सेना ने पाकिस्तान में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर की थी सर्जिकल स्ट्राइक
punjabkesari.in Thursday, Sep 29, 2022 - 10:33 AM (IST)

नेशनल डेस्कः इतिहास में 29 सितंबर का दिन भारत द्वारा पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर उसके आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद करने के साहसिक कदम के गवाह के तौर पर दर्ज है। भारत ने जहां इस अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने का दावा किया, वहीं पाकिस्तान ने ऐसी किसी कार्रवाई से इंकार किया। जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय पर आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इसे भारतीय सेना पर सबसे बड़े हमलों में से एक माना गया।
उरी हमले के कुछ दिन बाद अचानक हुई इस सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में किसी ने नहीं सोचा था। यहां तक कि पाकिस्तान भी इस स्ट्राइक से हक्का-बक्का रह गया, हालांकि उसने किसी भी तरह की हानि से इंकार किया था। यह पहला मौका था जब आतंकियों के खिलाफ लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पार कर सेना ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। भारतीय सेना के जवान पूरी प्लानिंग के साथ 28-29 सितंबर की आधी रात PoK में 3 किलोमीटर अंदर घुसे और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला। दिल्ली से इस पूरे ऑप्रेशन की हर जानकारी ली जा रही थी। भारतीय सेना या केंद्र सरकार किसी ने भी इस ऑप्रेशन के बारे में कुछ नहीं कहा लेकिन अगले ही दिन मीडिया में पाकिस्तान की तरफ से इस बारे में जरूर खबरें आनी शुरू हो गई थीं। अचानक हुई इस स्ट्राइक से पाकिस्तान में हलचल बढ़ गई थी।
- 28-29 सितंबर को ऑपरेशन रात करीब 12.30 बजे शुरू हुआ। स्पेशल फोर्सेज के पैराट्रूपर्स को भी शामिल किया गया था। कमांडोज को LoC के पास एयरड्रॉप किया गया। इसके बाद वह पैदल सीमा पार कर पाकिस्तान में दाखिल हुए।
- भारतीय सुरक्षा बल LoC में तीन किलोमीटर तक भीतर घुस गए थे।
- भीमबेर, हॉटस्प्रिंग, केल और लीपा सेक्टर्स में सर्जिकल स्ट्राइक्स को अंजाम दिया गया।
- सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान जवानों ने आतंकियों के लॉन्च पैड्स को तबाह कर दिया।
- इस सर्जिकल स्ट्राइक में 38 आतंकी और दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे। भारतीय सेना को इस पूरे ऑपरेशन में कोई नुकसान नहीं हुआ था और सारे जवान सही-सलामत वापिस लौटे थे।
- पूरा ऑपरेशन सुबह 4.30 बजते-बजते खत्म हो चुका था। इस स्ट्राइक में हेलिकॉप्टर्स का भी इस्तेमाल किया गया था। दरअसल दुश्मनों का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया गया था।