पाकिस्तान का पर्दाफाश! पहलगाम हमले का PAK के खिलाफ मिल गया सबसे बड़ा सबूत

punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 12:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले के पीछे जिन आतंकियों का हाथ था, उनमें से एक का पाकिस्तान सेना से सीधा संबंध सामने आया है। आतंकी हाशिम मूसा उर्फ सुलेमान पहले पाकिस्तान की स्पेशल फोर्स एसएसजी (स्पेशल सर्विसेज ग्रुप) का कमांडो रह चुका था। सूत्रों के मुताबिक, हाशिम मूसा का असली नाम आसिफ फौजी था और पाक सेना में काम करते वक्त उसे 'फौजी' नाम से भी जाना जाता था। सेना में ट्रेनिंग लेने के बाद हाशिम ने आतंक के रास्ते को चुना और अब वह भारत के खिलाफ हमलों में शामिल हो गया है।

पुराना इतिहास भी खंगाल रही एजेंसियां

सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि दिसंबर 2023 में पुंछ में भारतीय सेना के काफिले पर हुए हमले में भी क्या यही ग्रुप शामिल था। उस हमले में सैनिकों पर बर्बरता दिखाई गई थी और उनके शवों को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। माना जा रहा है कि पहलगाम और पुंछ दोनों हमलों में एक ही नेटवर्क सक्रिय रहा है।

पहलगाम हमले में तीन आतंकियों की पहचान

इस हमले में तीन आतंकियों के नाम सामने आए हैं — हाशिम मूसा उर्फ आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा। तीनों 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) से जुड़े हुए हैं, जो प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया नाम है।

कैसे दिया गया हमले को अंजाम

आतंकियों ने सेना की वर्दी और कुर्ता-पायजामा पहनकर हमला किया। वे घने जंगलों से निकले और बैसरन इलाके में घूम रहे पर्यटकों पर अचानक गोलियां बरसा दीं। हमले के बाद पूरे इलाके में सुरक्षा बलों ने बड़े स्तर पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

हमले का मास्टरमाइंड कौन?

जांच में सामने आया है कि इस हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद ने रची थी। खुफिया एजेंसियों ने इन आतंकियों के डिजिटल ट्रैक भी पकड़े हैं, जो पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची जैसे सुरक्षित ठिकानों से जुड़े मिले हैं। इससे साफ हो गया है कि हमले की पूरी साजिश पाकिस्तान से रची गई थी। 
एक बार फिर पाकिस्तान का आतंकवाद को समर्थन देने वाला चेहरा दुनिया के सामने आ गया है। पहले खुद सेना में रहना और फिर आतंकवाद में शामिल होना, इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान की सरकारी मशीनरी भी आतंक फैलाने में पूरी तरह संलिप्त है।

सुरक्षाबलों की सख्त कार्रवाई जारी

हमले के बाद से सुरक्षाबल पूरे इलाके में ऑपरेशन चला रहे हैं। आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए लोकल आतंकियों पर भी कार्रवाई की जा रही है। सेना और पुलिस मिलकर इस अभियान को अंजाम दे रही हैं ताकि आगे कोई भी आतंकी साजिश सफल न हो सके।

 

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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