वाहन मालिकों को सुप्रीम कोर्ट का तोहफा, थर्ड पार्टी बीमा के लिए ये बड़ी शर्त हटाई

punjabkesari.in Friday, Jul 26, 2024 - 08:31 PM (IST)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वाहन मालिकों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 10 अगस्त 2017 के आदेश में लगाई गई उस शर्त को हटा दिया है, जिसके तहत वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा के लिए प्रदूषण नियंत्रण (PUC) प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी। न्यायमूर्ति एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने जनरल इंश्योरेंस काउंसिल की याचिका को स्वीकार कर लिया, जिसमें 2017 के आदेश के बारे में चिंताएं जताई गई थीं।

PunjabKesari

भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि इस शर्त के कारण वाहन मालिकों को थर्ड पार्टी बीमा के बिना सीधे मुआवजा देना पड़ सकता है, जबकि अक्सर उनके पास ऐसा करने की क्षमता नहीं होती। कोर्ट ने माना कि यदि इस शर्त को पूरी तरह से लागू किया जाता है, तो इसके विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। इससे कई वाहन बिना थर्ड पार्टी बीमा के चलते रह सकते हैं।

PunjabKesari

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 में और न ही इसके तहत बने किसी नियम में यह कहा गया है कि बीमा कंपनियों को वाहन बीमा पॉलिसी नवीनीकरण के लिए वैध पीयूसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता हो। इस शर्त को लागू करने का उद्देश्य वाहनों में प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करना था, लेकिन कोर्ट ने इसके लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक के इस्तेमाल का सुझाव दिया, खासकर दिल्ली-एनसीआर में है।

PunjabKesari
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही अपने 2017 के आदेश पर पुनर्विचार की मंशा व्यक्त की थी, जिसमें थर्ड-पार्टी बीमा के लिए पीयूसी प्रमाणपत्र की अनिवार्यता की गई थी। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि थर्ड-पार्टी बीमा का अनुपालन केवल 55% है, जिससे दुर्घटना के दावेदारों को मुआवजा प्राप्त करना मुश्किल हो गया है। कोर्ट ने थर्ड-पार्टी बीमा कवरेज को बनाए रखते हुए पीयूसी मानदंडों के साथ एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया और एमिकस क्यूरी और सॉलिसिटर जनरल को 2017 के आदेश को उचित रूप से संशोधित करने के लिए एक समाधान प्रस्तावित करने की अनुमति दी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Related News