योगी सरकार ने दिया क्रिकेटर रिंकू सिंह को बड़ा तोहफा, इस विभाग में बनेंगे बड़े अधिकारी

punjabkesari.in Thursday, Jun 26, 2025 - 06:13 AM (IST)

नेशनल डेस्कः टीम इंडिया के उभरते सितारे और मेहनत की मिसाल बन चुके रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) के पद पर नियुक्त किया गया है। यह सम्मान न केवल उनके क्रिकेटिंग करियर की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह बताता है कि अब रिंकू शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा यह पद सीधे “International Medal Winner Direct Recruitment Rules 2022” के तहत प्रदान किया गया है, जो उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया हो।

सरकारी नौकरी का बड़ा तोहफा

रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है, और उनके नियुक्ति पत्र पर बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय से मुहर लग चुकी है। यह पद उनकी क्रिकेट के मैदान में उपलब्धियों की आधिकारिक मान्यता के रूप में दिया गया है। इस नियुक्ति से स्पष्ट है कि अब रिंकू सिंह न केवल खेल जगत में बल्कि शैक्षिक सेवा में भी योगदान देंगे।

बेसिक शिक्षा अधिकारी के तौर पर रिंकू की प्रमुख जिम्मेदारियों में होंगे:

  • ग्रामीण और शहरी प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ाना

  • स्कूल प्रशासन और अध्यापक प्रबंधन में सुधार लाना

  • छात्रों के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक शैक्षणिक माहौल तैयार करना

रिंकू सिंह: संघर्ष से शिखर तक

रिंकू सिंह का जन्म 12 अक्टूबर 1997 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक बेहद साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता गैस सिलेंडर डिलीवरी का काम करते थे और आर्थिक हालात बेहद कठिन थे। लेकिन रिंकू ने विपरीत परिस्थितियों के बावजूद क्रिकेट को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया।

उन्होंने 2023 में भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया और अब तक:

  • 2 वनडे मैचों में 55 रन

  • 33 टी20 मैचों में 546 रन बनाए हैं

  • उनकी पहचान एक विस्फोटक फिनिशर के रूप में बन चुकी है

  • आईपीएल 2024 में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें 13 करोड़ रुपये में रिटेन किया था

खेल से शिक्षा तक – एक प्रेरणादायक यात्रा

रिंकू सिंह की नियुक्ति यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश सरकार खेल और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में योगदान करने वाले युवाओं को प्रोत्साहन और मंच देने के लिए गंभीर है। वह टीम इंडिया के पहले ऐसे खिलाड़ी नहीं हैं जिन्हें सरकारी नौकरी मिली हो — इससे पहले भी कई खिलाड़ियों को राज्य सरकारों द्वारा ऐसी नियुक्तियाँ दी गई हैं। लेकिन रिंकू की कहानी विशेष इसलिए बनती है क्योंकि उन्होंने अभावों से उठकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।


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Content Writer

Pardeep

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