कोलकाता की एलएलबी छात्रा के साथ गैंगरेप का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, सीबीआई जांच की मांग तेज

punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 01:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कोलकाता में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की फर्स्ट ईयर की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आने के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है। यह घटना 25 जून को हुई, जिसमें दो सीनियर स्टूडेंट्स और एक पूर्व छात्र पर गैंगरेप का आरोप है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। वकील सत्यम सिंह ने सोमवार, 30 जून 2025 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की सीबीआई जांच कोर्ट की निगरानी में करवाने की मांग की है। इस याचिका में मांग की गई है कि मामले की जांच एक तय समय सीमा के भीतर पूरी की जाए ताकि पीड़िता को जल्द न्याय मिल सके। इसके साथ ही पीड़िता को सुरक्षा और उचित मुआवजे देने की भी अपील की गई है। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए और किसी तरह की ढिलाई या भटकाव की संभावना को खत्म किया जाना चाहिए।

राजनीतिक बयानबाजी पर भी उठे सवाल

याचिका में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के उन बयानों का भी उल्लेख किया गया है जो पीड़िता के प्रति अपमानजनक माने गए हैं। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि इन नेताओं की टिप्पणियों पर संज्ञान लिया जाए और उचित कार्रवाई की जाए। यह भी मांग की गई है कि ऐसे बयानों से समाज में जो संदेश जाता है उस पर रोक लगे। घटना के सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर ममता सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने रविवार को खिदरपुर इलाके में रैली निकाली। वहीं, बीजेपी की युवा शाखा ने हाटीबागान इलाके में विरोध मार्च निकाला। इन रैलियों में कानून व्यवस्था की विफलता को उजागर किया गया और सभी ने राज्य सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।

शुभेंदु अधिकारी ने उठाई आवाज

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी रविवार को एक रैली की अगुवाई की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “जब तक ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर नहीं किया जाएगा, तब तक बंगाल में महिलाओं के खिलाफ ऐसी घटनाएं होती रहेंगी।” शुभेंदु अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अतीत में भी पीड़ित महिलाओं के चरित्र पर सवाल उठाए हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से बचती रही हैं।

सामाजिक संगठनों का समर्थन

सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) और कई नागरिक संगठनों ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अलग-अलग इलाकों में विरोध प्रदर्शन किए। उनकी मांग है कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता के साथ न्याय हो और आरोपियों को सख्त सजा मिले ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जाए।

जनता में आक्रोश, पीड़िता को सुरक्षा की मांग

इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। खासकर महिलाओं और छात्रों में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि अगर एक लॉ कॉलेज की छात्रा खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर सकती तो आम लड़कियों की हालत क्या होगी? इस बीच, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल होने से उम्मीद की किरण जगी है कि इस संवेदनशील मामले में निष्पक्ष और तेज़ जांच हो सकेगी।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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