Pahalgam Attack: सेना घटाई, आतंकी बढ़े! मेजर जनरल बख्शी का फूटा गुस्सा, कहा- ये आइडिया किस ''बुद्धिमान'' का था?
punjabkesari.in Wednesday, Apr 23, 2025 - 08:46 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पहलगाम आतंकी हमले के बाद रिटायर्ड मेजर जनरल गौरव आर्य और मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी जैसे रिटायर्ड सेना अधिकारियों की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। खासकर मेजर जनरल जीडी बख्शी ने इस घटना पर गहरी चिंता जाहिर की है और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि एक तरफ़ आतंकी हमले हो रहे हैं, दूसरी तरफ हमारी सेना की ताकत घट रही है।मेजर जनरल बख्शी का साफ़ कहना है कि –"कोरोना के समय में सेना में भर्ती नहीं हुई, और अब 1.80 लाख पद खाली हैं। हम पैसा बचा रहे हैं और इसका नतीजा क्या है? हम पहाड़ों, जंगलों में लड़ाई लड़ते हैं, इसके लिए सेना चाहिए। ये कौन-सा बुद्धिमान था जिसने यह आईडिया दिया कि हम सेना की भर्ती रोक देंगे?"
मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख़्शी का गुस्सा और उनके सवाल वाजिब हैं।
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) April 22, 2025
उन्होंने कहा👇🏼
• कोरोना में भर्ती नहीं हुई, सेना घटी
• सेना में 1.80 लाख पद खाली हैं
• हम पैसा बचा रहे और ये सब झेल रहे
• ये Idea किस बुद्धिमान का था
• पहाड़, जंगल में लड़ना है तो सेना चाहिए pic.twitter.com/ol95302K5U
देश की सीमाएं सुरक्षित कैसे रहेंगी?
उनका सवाल बिल्कुल वाजिब है। उन्होंने कहा कि अगर देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं होंगी, तो बाकी योजनाओं का क्या फायदा? पहलगाम जैसे इलाके बेहद संवेदनशील हैं, वहां आम नागरिकों और टूरिस्ट्स की सुरक्षा तभी सुनिश्चित हो सकती है जब सेना की संख्या पर्याप्त हो।
सेना भर्ती की रफ्तार पर उठे सवाल
बख्शी ने यह भी कहा कि अगर समय पर भर्ती नहीं होगी, तो सेना कैसे मजबूत होगी? आतंकवादी संगठन लगातार हमले कर रहे हैं, और हमारी तैयारी कम हो रही है। यह रणनीति देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि पहलगाम का हमला सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि यह देश को चेतावनी है कि आतंकी ताकतें फिर से सिर उठा रही हैं। यदि हम अब भी नहीं जागे, तो और बड़े नुकसान के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने सरकार और जनता दोनों से पूछा – "हम पैसे बचा रहे हैं या देश को बचा रहे हैं? अगर फौज में जवान ही नहीं होंगे, तो हम किससे लड़वाएंगे?" उनका ये सवाल पूरे देश को झकझोर देता है।