Covid heart attack: कोरोना का डेल्टा वेरिएंट ''साइलेंट हार्ट अटैक'' का कारण! स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

punjabkesari.in Wednesday, May 28, 2025 - 01:14 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस की रफ्तार ने हलचल मचा दी है। एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 1047 तक पहुंच चुकी है। लेकिन इस बार चिंता सिर्फ संक्रमितों की संख्या को लेकर नहीं, बल्कि वायरस के असर को लेकर भी है। हाल ही में सामने आई एक रिसर्च ने डेल्टा वेरिएंट को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है - यह वेरिएंट ‘साइलेंट हार्ट अटैक’ जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है।

IIT इंदौर और ICMR की साझा रिसर्च का खुलासा
आईआईटी इंदौर ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर एक विस्तृत अध्ययन किया है, जिसमें कोविड-19 के विभिन्न वेरिएंट्स के शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की जांच की गई है। इस रिसर्च में 3134 कोविड संक्रमित मरीजों के डेटा को शामिल किया गया, जिनमें पहली और दूसरी लहर के संक्रमित लोग भी शामिल हैं।

डेल्टा वेरिएंट: सिर्फ फेफड़े नहीं, अब दिल को भी खतरा
रिसर्च में यह सामने आया कि डेल्टा वेरिएंट सिर्फ सांस लेने में तकलीफ या फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शरीर के बायोकैमिकल संतुलन को भी प्रभावित करता है। यह हार्मोनल बदलाव, विशेषकर थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन में गड़बड़ी लाता है, जिससे दिल पर असर पड़ सकता है — खासकर ऐसे मामलों में जहां हार्ट अटैक का कोई लक्षण तक नजर नहीं आता यानी साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका बन जाती है।

कोविड के अन्य वेरिएंट्स पर भी नजर
रिसर्च में डेल्टा के अलावा अल्फा, बीटा और गामा जैसे अन्य वेरिएंट्स पर भी अध्ययन किया गया। हालांकि डेल्टा वेरिएंट को बाकी की तुलना में अधिक गंभीर और बहुआयामी प्रभाव वाला पाया गया।

सरकार की स्थिति स्पष्ट, घबराने की जरूरत नहीं
कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर ICMR के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने हाल ही में कहा था कि भारत में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इनमें अधिकतर मामले गंभीर नहीं हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर तत्काल कदम उठाए जाएंगे।


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Content Writer

Anu Malhotra

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