PM मोदी ने गुजरात से पाकिस्तान पर साधा निशाना- ''अगर पटेल की बात मानी होती तो पहलगाम हमला न होता''
punjabkesari.in Tuesday, May 27, 2025 - 05:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात दौरे के दौरान एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि यदि 1947 में देश के विभाजन के बाद प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की सलाह मान ली गई होती, तो पहलगाम जैसा हमला कभी नहीं हो पाता। पीएम ने जोर देकर कहा कि अगर पटेल साहब की बात सुनी गई होती, तो भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां रुक गई होतीं।
सरदार पटेल की सलाह को किया गया था नजरअंदाज-
गांधीनगर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर कब्जा करने के लिए आक्रमण करने वाले मुजाहिद्दीन लड़ाकों से निपटने के बारे में सरदार पटेल की सलाह को कथित तौर पर नजरअंदाज कर दिया गया था।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "1947 में भारत माता के टुकड़े कर दिए गए। जब जंजीरें काटनी चाहिए थीं, तब हाथ काट दिए गए। देश तीन टुकड़ों में बंट गया और उसी रात कश्मीर की धरती पर पहला आतंकी हमला हुआ। पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीन के नाम पर आतंकियों की मदद से भारत माता के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। अगर उस दिन ये मुजाहिद्दीन मारे गए होते और सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो पिछले 75 सालों से आतंकवादी घटनाओं का चल रहा ये सिलसिला न दिखता।"
'यह कोई प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि पाकिस्तान की युद्ध रणनीति है'-
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने जब यह एहसास कर लिया कि वह सीधे तौर पर भारत को युद्ध में नहीं हरा सकता, तो उसने सीमापार आतंकवाद के रूप में भारत के खिलाफ 'प्रॉक्सी वॉर' शुरू कर दिया।
पीएम ने कहा, "जब पाकिस्तान के साथ युद्ध की जरूरत पड़ी, तो भारत की सैन्य शक्ति ने तीनों बार पाकिस्तान को हराया। पाकिस्तान को समझ में आ गया था कि वह युद्ध में भारत को नहीं हरा सकता। उसने भारत के खिलाफ छद्म युद्ध शुरू कर दिया। उन्हें जहां भी मौका मिला, वे हमला करते रहे और हम इसे बर्दाश्त करते रहे।"
"ऑपरेशन सिंदूर" का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि भारत बहादुरों की भूमि है, और उन्होंने जोर देकर कहा कि 6 मई के बाद हुए आतंकवादी हमलों को अब छद्म युद्ध नहीं कहा जा सकता।
पीएम ने कहा, "6 मई की रात जो लोग पाक में मारे गए, पाकिस्तान में उन जनाजों को स्टेट ऑनर दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगाए गए, वहां की सेना ने उनको सैल्यूट किया। ये सिद्ध करता है कि आतंकवादी गतिविधि प्रॉक्सी वॉर नहीं है, ये पाकिस्तान की सोची-समझी युद्ध की रणनीति है। आप वॉर ही कर रहे हैं, तो उसका जवाब भी वैसे ही मिलेगा।"