चौंकाने वाले सच! इन देशों में सरकार क्यों नहीं लेती टैक्स? जानें अर्थव्यवस्था का राज

punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 06:25 PM (IST)

नेशनल डेस्क: क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं, जहाँ आपको अपनी कमाई पर एक रुपया भी टैक्स नहीं देना पड़ता? जी हाँ, इन देशों में लोग अपनी पूरी कमाई अपने पास रख सकते हैं। आपके मन में सवाल आएगा कि आखिर ऐसे में इन देशों की अर्थव्यवस्था कैसे चलती है? चलिए, आपको बताते हैं ऐसे देशों के बारे में, जहाँ टैक्स का कोई झंझट नहीं है और फिर भी उनकी इकोनॉमी मज़बूत बनी रहती है।

टैक्स-फ्री देशों की अर्थव्यवस्था का आधार
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आधार टैक्स होता है। भारत में भी लोगों की कमाई के हिसाब से इनकम टैक्स लगता है। लेकिन कुछ देश ऐसे हैं जहाँ सरकार को लोगों से डायरेक्ट टैक्स लेने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन देशों के पास प्राकृतिक संसाधनों (जैसे तेल और गैस) का भारी भंडार है या फिर पर्यटन (टूरिज्म) उनकी अर्थव्यवस्था का मुख्य ज़रिया है। ये देश अप्रत्यक्ष करों और अन्य शुल्कों से अपनी ज़रूरतों को पूरा करते हैं।

इन देशों में नहीं लगता कोई टैक्स:
संयुक्त अरब अमीरात: तेल और टूरिज्म की ताकत
यूएई का नाम टैक्स-फ्री देशों में सबसे ऊपर आता है। यहाँ न तो इनकम टैक्स है और न ही कोई दूसरा डायरेक्ट टैक्स। यूएई की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से तेल और पर्यटन पर टिकी है। दुबई और अबू धाबी जैसे शहर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। शॉपिंग मॉल, लग्जरी होटल और पर्यटन से होने वाली कमाई इतनी ज़्यादा है कि सरकार को जनता से टैक्स लेने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती।

बहरीन: खाड़ी का एक और टैक्स-फ्री देश
खाड़ी देशों में बहरीन भी उन देशों में शामिल है, जहाँ इनकम टैक्स नाम की कोई चीज़ नहीं है। यहाँ के नागरिकों को अपनी कमाई का एक भी हिस्सा टैक्स के रूप में नहीं देना पड़ता। बहरीन की सरकार भी तेल और अन्य संसाधनों से होने वाली कमाई पर निर्भर करती है। इसके अलावा, यहाँ का मज़बूत बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर भी अर्थव्यवस्था को सहारा देता है।

कुवैत: तेल की ताकत से चमकता देश
कुवैत भी टैक्स-फ्री देशों की लिस्ट में है। इस खाड़ी देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तेल पर निर्भर है। कुवैत दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक है। तेल से होने वाली भारी-भरकम कमाई की वजह से सरकार को अपने नागरिकों से इनकम टैक्स लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती।

सऊदी अरब: अप्रत्यक्ष करों का सहारा
सऊदी अरब में भी डायरेक्ट टैक्स का कोई सिस्टम नहीं है। यहाँ के लोगों को अपनी कमाई का एक भी पैसा टैक्स के तौर पर नहीं देना पड़ता। हालांकि, सऊदी अरब में अप्रत्यक्ष करों (जैसे VAT) का सिस्टम काफी मज़बूत है, जिससे सरकार को पर्याप्त कमाई हो जाती है। सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था भी तेल पर आधारित है और यह दुनिया की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।

द बहमास: पर्यटकों का स्वर्ग, टैक्स-फ्री ज़िंदगी
वेस्टर्न हेमिस्फीयर में बसा द बहमास पर्यटकों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं है। यह देश पर्यटन का एक बड़ा केंद्र है और यहाँ के नागरिकों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता। सरकार पर्यटन और अन्य अप्रत्यक्ष करों से अपनी ज़रूरतें पूरी करती है।

ब्रुनेई: तेल और गैस का खजाना
साउथ ईस्ट एशिया में स्थित इस्लामी देश ब्रुनेई तेल और गैस के विशाल भंडार के लिए जाना जाता है। यहाँ भी लोगों को किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता। ब्रुनेई की अर्थव्यवस्था पूरी तरह तेल और गैस के निर्यात पर टिकी है।

ओमान: खाड़ी का एक और रत्न
खाड़ी देश ओमान भी टैक्स-फ्री देशों की सूची में शामिल है। यहाँ भी तेल और गैस के बड़े भंडार हैं, जो अर्थव्यवस्था का आधार हैं। ओमान में लोगों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट है।

कतर: छोटा देश, बड़ा दम
कतर भले ही क्षेत्रफल में छोटा देश हो, लेकिन इसकी अर्थव्यवस्था की ताक़त किसी से छिपी नहीं है। तेल और गैस के क्षेत्र में कतर का दबदबा है. यहाँ के लोग बेहद अमीर हैं, और सबसे खास बात ये है कि उन्हें कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।

 


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Content Editor

Mansa Devi

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